Agrasen Ki Baoli: दिल्ली में मौजूद है पाताल लोक, जिसे देखने के लिए उमड़ती है भीड़

Delhi ka Patal Lok
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दिल्ली का पाताल लोक

दिल्ली के मंडी हाउस में अग्रसेन की बावड़ी बनी है, जिसे पाताल लोक का द्वार कहते हैं। इसे देखने के लिए 106 सीढ़यां नीचे उतरना पड़ता है। ये जगह इतिहास की कहानियों से भरी हुई है।

Mandi House: दिल्ली में एक ऐसा टूरिस्ट प्लेस मौजूद है, जो अनेक रहस्यमयी कहानियों से भरा है। इसका नाम अग्रसेन की बावड़ी है, जिसे लोग दिल्ली का 'पाताल लोक' कहते हैं। यह देश की राजधानी दिल्ली के मंडी हाउस इलाके में मौजूद है। यह जगह टूरिस्ट, युवाओं और इतिहास प्रेमी लोगों के लिए बहुत फेमस है। पाताल लोक में जाने के लिए 106 सीढ़ियां नीचे जाना पड़ता है। आप जैसे-जैसे पाताल लोक में नीचे उतरते हैं, वहां का तापमान ठंडा महसूस होने लगता है। कहा जाता है कि यहां पर कोई अदृश्य शक्ति है, जो लोगों को अपनी ओर खींचती है। इस जगह की चर्चा पूरी दुनिया में होती है।

'कलाकारों की नगरी'

मंडी हाउस को कलाकारों की नगरी कहा जाता है। यहां कई बड़े कलाकारों का घर भी है। यह दिल्ली का एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र है। यहां पर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा और श्री राम सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट जैसे प्रतिष्ठित संस्थान हैं। भारत के कई मशहूर एक्टर इन्हीं संस्थानों से एक्टिंग सीख कर पूरी दुनिया में अपना नाम बना चुके हैं। मंडी हाउस के पास ही अग्रसेन की बावड़ी है। यहां हमेशा भीड़ भाड़ देखने को मिलती है। भारतीय लोगों के साथ-साथ यहां पर विदेशी पर्यटक भी आते हैं। कॉलेज जाने वाले लड़के और लड़कियों यहां समय गुजारने आते हैं।

अग्रसेन की बावड़ी की बनावट


अग्रसेन की बावड़ी की बनावट आयताकार है। जिसकी लंबाई 60 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर है। यह बावड़ी 3 स्तरों में बनाई गई है। जिसके हर स्तर पर पत्थर की खूबसूरत मेहराबें बनी हुई हैं। इस बावड़ी में बने कुंड तक जाने के लिए करीब 106 सीढ़ियां लगी हुई हैं। वर्तमान समय में यह कुंड सूखा पड़ा है किन्तु पहले यह पानी से भरा होता था।

बावड़ी का इतिहास


अग्रसेन की बावड़ी के बारे में कोई पक्की जानकारी तो नहीं है। मगर इतिहासकारों का कहना है कि इसे 14वीं सदी में बनवाया गया था। इस जगह को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित रखा गया है। यहां आस-पास के स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले बावड़ी के पानी में जाने पर लोग अजीब सा व्यवहार करने लगते थे। इस बावड़ी का पानी लोगों पर अजीब सा असर डालता था। यही वजह है कि इसे भूतिया कहा जाता है। परन्तु इसके कोई साक्ष्य नहीं हैं। वहीं अब लोग गर्मी से बचने के लिए यहां पर कुछ समय गुजारने आते हैं। बता दें कि इस बावड़ी के नीचे का तापमान ठंडा रहता है। यहां पर कई बॉलीवुड फिल्मों जैसे-पीके की शूटिंग भी हो चुकी है।

कबूतरों ने बना रखा है अपना का डेरा

यहां पर आपको भूत तो नहीं मगर कबूतरों की पूरी सेना देखने को मिल जाएगी। यहां पर कबूतरों ने अपना डेरा बना रखा है। यहां पर जाने के लिए कोई एंट्री फीस नहीं है। यह बावड़ी सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक खुली रहती है। इसका नजदीकी मेट्रो स्टेशन बाराखंबा रोड और मंडी हाउस हैं।

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