Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट के बाद LG का एक्शन, पुलिस कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी को दिए सख्त निर्देश

Delhi LG issues strict instructions to Police Commissioner and Chief Secretary
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दिल्ली के एलजी ने पुलिस कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी को दिए सख्त निर्देश।

Delhi LG: दिल्ली के एलजी सक्सेना ने पुलिस और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कई एहतियाती और निवारक उपाय करने के निर्देश दिए हैं। पढ़ें एलजी ने क्या निर्देश दिए...

Delhi LG Order: राजधानी दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किल पर आतंकी विस्फोट हुआ था, जिसमें 15 बेगुनाह लोग मारे गए थे। इसके बाद से राजधानी दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अब दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने भी सख्ती अपनाई है। एलजी सक्सेना ने पुलिस आयुक्त और मुख्य सचिव को कई एहतियाती और निवारक उपाय करने का निर्देश दिया है। उपराज्यपाल सचिवालय की ओर से पुलिस आयुक्त और मुख्य सचिव को अलग-अलग लिखित पत्र भेजा गया। इसमें कई निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है। जानें एलजी ने क्या निर्देश दिए...

एलजी सक्सेना ने दिए ये निर्देश

  1. एक निश्चित सीमा से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट की खरीद-बिक्री करने वाली संस्थाओं का डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखें। इसमें खरीदारों और विक्रेताओं की तस्वीरों के अलावा अन्य जुड़ी जानकारियां शामिल होनी चाहिए।
  2. दिल्ली पुलिस को नागरिकों का ब्रेनवॉश करने के उद्देश्य से कट्टरपंथी सामग्री की वैज्ञानिक ट्रैकिंग के लिए मेटा, ट्विटर (एक्स) आदि सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रमुखों के साथ परामर्श अभ्यास करना चाहिए।
  3. पुलिस खुफिया नेटवर्क को मानव और तकनीकी खुफिया जानकारी दोनों के जरिए मजबूत किया जाना चाहिए। इसमें कट्टरपंथ की चपेट में आने वाले संवेदनशील क्षेत्रों पर पर ज्यादा फोकस किया जाना चाहिए। अधिक मजबूत निवारक पुलिसिंग के लिए सामुदायिक आउटरीच और नागरिक सहभागिता को भी बढ़ाया जाना चाहिए।
  4. सभी डीसीपी को सलाह दी जाए कि वे आईएसबीटी, रेलवे स्टेशन, सिनेमा हॉल, पार्क, मेट्रो स्टेशन आदि सहित व्यस्त बाजारों और ज्यादा आवाजाही वाले सार्वजनिक स्थानों का कठोर सुरक्षा ऑडिट करें। खास तौर पर ऑडिट में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती योजना, बीट रोस्टर और मौजूदा सीसीटीवी नेटवर्क पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। अगर ऐसे डार्क स्पॉट हैं जहां अतिरिक्त सीसीटीवी कवरेज की आवश्यकता है, तो इसकी रिपोर्ट मुख्य सचिव को दी जानी चाहिए, जिससे वहां पर कैमरे लगवाए जा सकें।

प्रशासन ने ये निर्देश भी दिए गए

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, प्रशासन की ओर से कहा गया कि एक केंद्रीय डेटा संग्रह तैयार करें। इसमें अस्पतालों, खास तौर पर निजी अस्पतालों द्वारा नियोजित डॉक्टरों और पैरा-मेडिकल कर्मचारियों के रिकॉर्ड के साथ-साथ उनकी मेडिकल डिग्रियों की डिटेल्स भी शामिल हो। इसके अलावा जिन मामलों में चिकित्सा पेशेवरों ने विदेशी देशों से डिग्रियां हासिल की हैं, उनकी जानकारी पुलिस विभाग के साथ भी शेयर की जानी चाहिए।

इसके अलावा वाहनों (खासतौर पर सेकेंड हैंड) की बिक्री और खरीद में लगे सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म और फाइनेंसरों के साथ परामर्श अभ्यास आयोजित करें। साफ निर्देश दिए जाएं कि किसी भी स्थिति में ऐसे वाहनों को चलने की परमिशन नहीं मिलनी चाहिए, जहां पर गाड़ी का वास्तविक मालिक और रजिस्टर्ड मालिक अलग हों। यह समस्या ऑटो रिक्शा के मामले में सबसे अधिक गंभीर है, जहां परमिट धारक वास्तविक मालिक से अलग होता है।

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