Delhi lawyers strike: काला कानून वापस लो! दिल्ली के वकीलों ने खोला मोर्चा, जमकर नारेबाजी

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राउज एवेन्यू कोर्ट के बाहर नारेबाजी करते हुए अधिवक्ता।  

काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस हड़ताल को स्थगित करने का आह्वान किया था, लेकिन वकीलों ने इसे अस्वीकार कर दिया। वकीलों का कहना है कि 'काला कानून' वापस नहीं लिए जाने तक हड़ताल जारी रहेगी।

दिल्ली पुलिस के थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों में साक्ष्य पेश करने की अनुमति देने के मामले में राजधानी के वकील फिर से सड़कों पर उतर आए हैं। काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने इस हड़ताल को स्थगित करने का आह्वान किया था, लेकिन ट्रायल कोर्ट के वकीलों ने इसे अस्वीकार कर दिया। वकीलों का कहना है कि जब तक 'काला कानून' वापस नहीं लिय जाता, तब तक अनिश्चिकाल के लिए हड़ताल पर रहेंगे।

दिल्ली जिला बार एसोसिएशन ने दो दिन पहले समन्वय समिति की इमरजेंसी बैठक बुलाई थी। बैठक में फैसला लिया गया कि 8 सितंबर से वकील कोर्ट की किसी भी कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे। समन्वय समिति ने कहा कि जब तक पुलिसकर्मियों को गवाही अथवा साक्ष्यों के लिए अदालतों में शारीरिक रूप से उपस्थित रहने के संबंध में निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

समन्वय समिति के इस निर्णय के बाद बीसीआई अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने शनिवार को दिल्ली जिला बार एसोसिएशन को पत्र लिखकर इस हड़ताल को स्थगित करने या वापस लेने की अपील की थी। इसके अलावा, बीसीआई ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) के साथ संयुक्त बैठक करने का आग्रह किया था।

बीसीआई ने इस हड़ताल को वापस लेने के लिए बीसीडी को तर्क दिया था। कहा था कि दिल्ली पुलिस आयुक्त ने जो आदेश दिया है, उसके अनुरूप औपचारिक पुलिस गवाही ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होंगी, जबकि महत्वपूर्ण मामलों में शारीरिक रूप से गवाही या साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएंगे। अधिवक्तों ने इस तर्क को खारिज कर दिया और आज से अपनी अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत कर दी है।

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