Lal Quila Original Color: क्या सफेद रंग का था लाल किला, आखिर किसने और क्यों बदला इसका रंग?

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Delhi Red Fort: ये तो हम सभी जानते हैं कि दिल्ली का लाल किला लाल रंग का है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय पर ये लाल किला सफेद रंग का हुआ करता था? फिर इसका रंग किसने और क्यों बदला? आइए जानते हैं-

Delhi Red fort: दिल्ली में स्थित लाल किला राजधानी की शान है, खासतौर पर इसका लाल रंग, जो इस किले को अलग बनाता है। यह लाल किला आजादी का प्रतीक माना जाता है। इस किले पर हर साल 15 अगस्त को झंडा फहराया जाता है। ऐतिहासिक स्थल होने के नाते लोग यहां पर घूमने आते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इस किले का रंग कभी सफेद हुआ करता था। इस किले का निर्माण शाहजहां ने 17वीं सदी में कराया था, उस समय इस किले का रंग सफेद था, क्योंकि इसे सफेद चूने और संगमरमर से बनाया गया था।

शाहजहां ने कराया था लाल किले का निर्माण

दिल्ली के इस किले का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने 1638 में शुरू करवाया था। ये किला सफेद संगमरमर और चूने से बना था। किले की दीवारें और इमारतें सब कुछ सफेद रंग की थीं। जो उस समय के मुगल वास्तुकला की प्रतीक थीं। इस किले को पहले सफेद किले के नाम से जाना जाता था। हालांकि कुछ समय बाद अंग्रजों ने इस किले को लाल रंग से रंगवा दिया। जिसके बाद इस किले का नाम लाल किला पड़ गया, इसलिए इसे लाल किले के नाम से भी जाना जाता है।

क्या है पूरी कहानी

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों ने मुगलों के अंतिम सम्राट बहादुर शाह जफर को हटाकर किले पर कब्जा कर लिया था। अंग्रेजों ने किले की देखरेख की और इसमें कई बदलाव भी किए। जिसमें उन्होंने किले की इमारत और गंदी होती दीवारों और उनकी जर्जर हालत को सुधारने के लिए लाल रंग से रंग दिया।

इस किले को लाल रंग से इसलिए पोत दिया गया, ताकि दीवारें मजबूत रहें और उन्हें मौसम की मार से बचाया जा सके। कहा जाता है कि लाल बलुआ पत्थर उस समय की प्रचलित निर्माण सामग्री थी। वहीं, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि शासकों ने अपनी शक्ति और प्रभाव को दिखाने के लिए किले का रंग बदलवाया। इस रंग को शक्ति का प्रतीक माना जाता है, जिसके कारण आज इसे लाल किले के नाम से जाना जाता है।

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