Lal Quila Blast: दिल्ली लाल किला धमाके में NIA ने 4 और आरोपियों को पकड़ा, अब तक 6 आतंकी गिरफ्तार

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दिल्ली लाल किला ब्लास्ट में 4 और आतंकी गिरफ्तार।  

Delhi Lal Quila Blast: दिल्ली लाल किला ब्लास्ट में 4 और आतंकियों को गिरफ्तार किया है, आतंकियों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। NIA को छापेमारी के दौरान कईं अहम सबूत मिले हैं।

Delhi Lal Quila Blast Case: दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 और संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। एजेंसी द्वारा जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में छापेमारी करके चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों के बाद इस मामले में अब तक कुल 6 आरोपियों को पकड़ा जा चुका है।

NIA के मुताबिक सभी आरोपी इस आतंकी साजिश के प्रमुख सूत्रधारों में से एक थे और इनका सीधा संबंध विदेशी आतंकी संगठनों से हो सकता है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। इन्हें पटियाला हाउस कोर्ट के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया।

NIA के प्रवक्ता ने बताया कि ये आरोपी न सिर्फ विस्फोट की योजना बनाने में शामिल थे, बल्कि उन्होंने हथियारों की व्यवस्था, लॉजिस्टिक सपोर्ट, फंडिंग और तकनीकी सहायता भी मुहैया कराई थी। जांच में यह भी पता चला है कि ये लोग लंबे समय से एक संगठित आतंकी मॉड्यूल के रूप में काम कर रहे थे और दिल्ली समेत देश के कई संवेदनशील स्थानों पर बड़े हमले की फिराक में थे।

इनकी हुई गिरफ्तारी

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान डॉक्टर मुज़म्मिल शकील गनई (पुलवामा), डॉक्टर अदील अहमद राथर (अनंतनाग), डॉक्टर शाहीन सईद (लखनऊ) और मुफ़्ती इरफ़ान अहमद वगे (शोपियां) के रूप में हुई है। इस पहले एजेंसी ने आमिर रशीद अली और जसिर बिलाल वानी उर्फ़ दानिश को गिरफ्तार किया था।

टीम ने श्रीनगर में की छापेमारी

NIA की टीमों ने श्रीनगर और आसपास के इलाकों में कई ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। इस दौरान बड़ी मात्रा में डिजिटल उपकरण, मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, संदिग्ध दस्तावेज, नकली पहचान-पत्र और कुछ आपत्तिजनक इलेक्ट्रॉनिक सामग्री बरामद की गई है। इन सभी सामग्रियों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। शुरुआती जांच से संकेत मिले हैं कि इस नेटवर्क के तार पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से जुड़े हो सकते हैं। विदेशी हैंडलरों से लगातार संपर्क और फंड ट्रांसफर के भी सबूत मिले हैं।

10 नवंबर को हुआ था धमाका

बता दें कि 10 नवंबर को लाल किले के मुख्य द्वार से महज 200 मीटर दूर एक कार के जरिए शक्तिशाली आत्मघाती विस्फोट हुआ था। इस हमले में 15 लोगों मौत हो गई थी, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। यह विस्फोट इतना जोरदार था कि आसपास की इमारतों के शीशे टूट गए और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

घटना के तुरंत बाद दिल्ली को हाई अलर्ट पर डाल दिया गया था और पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। NIA ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत केस अपने हाथ में लिया था। पहले चरण में दो मुख्य आरोपियों को पंजाब से गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने पूछताछ में जम्मू-कश्मीर मॉड्यूल का खुलासा किया। इसके बाद लगातार मिल रहे इनपुट के आधार पर श्रीनगर में यह कार्रवाई की गई।

एजेंसी का दावा है कि अभी इस मॉड्यूल के कई और सदस्य फरार हैं और उनके ठिकानों पर छापेमारी जारी है। आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है ।राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से यह मामला बेहद संवेदनशील है। सरकार ने एनआईए को सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए हैं ताकि इस आतंकी नेटवर्क की जड़ें पूरी तरह खत्म की जा सकें।

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