RTI में खुलासा: दिल्ली जल बोर्ड का कई विभागों पर खरबों का पानी बिल बकाया, सबसे आगे MCD

दिल्ली जल बोर्ड का अन्य विभागों पर बकाया।
दयाराम/ दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मचती है, टैंकरों की लंबी कतारें लगती हैं। झुग्गियों में बूंद-बूंद के लिए संघर्ष होता है। वहीं दिल्ली जल बोर्ड का कई विभागों पर खरबों का बकाया है। हाल ही में एक आरटीआई के जरिए इस बात का खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार, ये रिपोर्ट इस पर आधारित है कि दिल्ली जल बोर्ड पर 2016 से 30 जून 2025 तक किस विभाग का कितना बकाया है? वहीं MCD के प्रवक्ता से इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बता दें कि एक आरटीआई में खुलासा किया गया है कि दिल्ली जल बोर्ड का 30 जून 2025 तक किन विभागों पर कितना बकाया है? इसके अनुसार एमसीडी सबसे आगे है।
- 30 जून 2025 तक दिल्ली जल बोर्ड का एमसीडी पर 2 खरब, 61 अरब, 34 करोड़, 44 लाख, 86 हजार 698 (2,61,34,44,86,698) रुपए बकाया है।
- वहीं दूसरे नंबर पर DSIDC है, जिस पर दिल्ली जल बोर्ड का 2 अरब, 68 करोड़, 99 लाख, 57 हजार, 56 (2,68,99,52,056) रुपए का बकाया है।
- तीसरे नंबर DUSIB है, जिसने दिल्ली जल बोर्ड से 30 जून 2025 तक 74 करोड़, 11 लाख, 5 हजार 294 (74,11,05,294) रुपए बकाया है।
- चौथे नंबर पर पीडब्ल्यूडी पर दिल्ली जल बोर्ड का बकाया है। आरटीआई के अनुसार, पीडब्ल्यूडी पर 36 करोड़, 73 लाख, 34 हजार, 930 (36,73,34,930) रुपए का बकाया है।
- पांचवें नंबर पर EDU-GNCTD पर दिल्ली जल बोर्ड का 33 करोड़, 34 लाख, 18 हजार, 328 (33,34,18,328) रुपए का बकाया है।
- छठे नंबर पर EDU-DSEU है, जिस पर दिल्ली जल बोर्ड का 4 करोड़ 13 लाख 35 हजार 615 (4,13,35,615) रुपए बकाया है।
- सातवें नंबर पर दिल्ली मेट्रो है, जिस पर दिल्ली जल बोर्ड का 1 करोड़, 35 लाख, 98 हजार 182 (1,35,98,182) रुपए बकाया है।
- आठवें नंबर पर DTC है, जिस पर दिल्ली जल बोर्ड का 1 करोड़ 14 लाख 34 हजार 650 (1,14,34,650 ) रुपए बकाया है।
- कुल मिलाकर दिल्ली जल बोर्ड का सभी विभागों पर 2,66,03,26,70,753 रुपए का बकाया है।
ये राशि इतनी बड़ी है कि इससे दिल्ली की सैकड़ों नई पाइपलाइनें बिछाई जा सकती हैं। पुराने जल शोधन संयंत्रों को आधुनिक बनाया जा सकता है और हजारों गरीब परिवारों को मुफ्त साफफ पानी की सुविधा दी जा सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली जल बोर्ड ने दिल्ली नगर निगम को कई बार नोटिस भेजे, भुगतान की मांग की, लेकिन राजनीतिक टकराव के कारण इस मुद्दे को जानबूझकर अनदेखा किया गया।
