Delhi Jal Board: अपडेट होगा जल बोर्ड का सॉफ्टवेयर, साफ होगा पानी बिल माफी योजना का रास्ता, जानें कैसे?

दिल्ली जल बोर्ड की पानी का बिल माफ करने की योजना।
Delhi Jal Board: दिल्ली जल बोर्ड पानी बिल माफी योजना को लागू करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड अपने पुराने राजस्व प्रबंधन प्रणाली को मैनेज और एडवांस करने के साथ ही क्लाउड आधारित प्रणाली में स्थानांतरित करने के लिए एक नए ऑपरेटर को नियुक्त करने वाला है। इसका काम अंतिम चरण में है। इस बारे में जानकारी देते हुए बुधवार को वरिष्ठ जल उपयोगिता अधिकारी ने बताया कि जल बोर्ड की इस योजना से प्राधिकरण के लिए बिल माफी योजना को लागू करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया का प्री-बिडिंग फेज पूरा हो चुका है। संभावना है कि अगले सप्ताह तक बिडिंग प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना में राजस्व प्रबंधन प्रणाली 2.0 का संचालन और रखरखाव और साथ ही एक सुचारु बदलाव शामिल होगा। 18 अगस्त को टेंडर प्रक्रिया की बोली लगेगी। एक साल के लिए नया सर्विस प्रोवाइडर नियुक्त किया जा रहा है। इसके दौरान क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बदलाव किए जायेंगे।
दिल्ली जल बोर्ड की पुरानी राजस्व प्रबंधन प्रणाली को देरी से भुगतान अधिभार माफी योजना को लागू करने की मुख्य बाधा बताया गया है। बता दें कि हाल ही में जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा था कि बिल माफी योजना को लागू किया जाएगा। हालांकि इसमें कुछ समय लग सकता है क्योंकि दिल्ली जल बोर्ड के पुराने राजस्व सॉफ्टवेयर में महत्वपूर्ण सुधार किए जाने की जरूरत है।
परियोजना को लेकर दिल्ली जल बोर्ड की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि नया सर्विस प्रोवाइडर राजस्व प्रबंधन प्रणाली में छूट और योजनाओं को शामिल करने के लिए भी जिम्मेदार होगा। बता दें कि दिल्ली जल बोर्ड पर घरेलू उपयोगकर्ताओं का लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का बिल बकाया है।
वहीं 3 जुलाई को सरकार की तरफ से घोषणा की गयी थी कि दिल्ली जल बोर्ड ने घरेलू उपयोगकर्ताओं के सभी बकाया पानी के बिलों पर 100 फीसदी विलंब भुगतान अधिभार माफ करने की मंजूरी दे दी है। हालांकि सरकारी और व्यवसायिक उपयोगकर्ताओं के लंबित बिलों के लिए अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जबकि कुल बकाया बिलों में सबसे ज्यादा हिस्सा इनका ही है।
दिल्ली जल बोर्ड की परियोजना रिपोर्ट में कहा गया है कि नए सर्विस प्रोवाइडर को मौजूदा सर्विस प्रोवाइडर से व्यवसाय प्रक्रिया को हैंडहोल्डिंग और रोल-आउट समर्थन की जानकारी लेने के लिए तीन महीनों का समय दिया जाएगा। इसके अलावा इस परियोजना में कुछ और बदलाव किए जाएंगे। इनमें सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक राजस्व-संबंधी शिकायतों को हैंडल किया जाएगा। साथ ही बिलिंग और मीटरिंग के लिए दिल्ली जल बोर्ड के कॉल सेंटर को चलाया जाएगा। इसके अलावा सर्वर, डेटाबेस, दिल्ली जल बोर्ड की वेबसाइट और मोबाइल फोन ऐप का प्रबंधन करना शामिल होगा।
