Delhi Jal Board Scam: AAP नेता सत्येंद्र जैन से ED की पूछताछ, दिल्ली जल बोर्ड में घोटाले का मामला

दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में ED ने सत्येन्द्र जैन से पूछताछ की।
Delhi Jal Board Scam: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सत्येंद्र जैन एक बार फिर बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं। गुरुवार को ED ने सत्येंद्र जांच से पूछताछ की। जैन के ऊपर दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की ओर से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के विस्तार में भ्रष्टाचार करने का आरोप है। इस घोटाले के मामले में जांच के लिए ED ने सत्येंद्र जैन को 3 जुलाई को पेश होने का नोटिस दिया था, जहां वह पूछताछ के लिए पहुंचे।
इस मामले में साल 2024 में केस दर्ज किया गया था। इसमें 1,943 करोड़ रुपए के टेंडर में कथित भ्रष्टाचार की जांच की जा रही है। इसको लेकर पिछले साल जुलाई में ED ने छापेमारी भी की थी।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने यूरोटेक एनवायर्नमेंटल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी समेत अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया था। इस FIR में आरोप है कि दिल्ली जल बोर्ड में पप्पनकलां, निलोठी, नजफगढ़, केशोपोर, कोरोनेशन पिलर,नरेला, रोहिणी और कोंडली में 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट यानी STP के विस्तार और अपग्रेड करने के नाम पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार किया गया है।
FIR के मुताबिक, 2022 में इन STP के लिए DJB ने 1,943 करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ये चारों टेंडर ज्वाइंट वेंचर्स (JV) को दिए गए थे। ACB की जांच में पता चला का इन चारों टेंडरों में सिर्फ 3 कंपनियों ने भाग लिया था। आरोप है कि इन कंपनियों ने आपस में मिलीभगत करके टेंडर हासिल किए और ज्यादा रेट पर कॉन्ट्रैक्ट लिया।
प्रोजेक्ट की लागत अनुमान से काफी ज्यादा
FIR में आरोप है कि टेंडर में ऐसी शर्तें रखी गई थीं, जिसकी वजह से कुछ ही कंपनियां हिस्सा ले पाईं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेंडर दस्तावेजों की जांच करने पर पता चला कि इन 4 टेंडरों की शुरुआत में लागत करीब 1,546 करोड़ रुपए थी, लेकिन बाद में इस बढ़ाकर 1,943 करोड़ रुपए कर दिया गया।
ED के निशाने पर सत्येंद्र जैन
इस घोटाले के मामले में AAP नेता सत्येंद्र ED के निशाने पर हैं। वह दिल्ली सरकार में जल मंत्री और DJB के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। टेंडर आवंटन और कथित भ्रष्टाचार को लेकर जैन से पूछताछ की गई। ED का कहना है कि इस घोटाले के पैसे का इस्तेमाल AAP ने चुनाव फंड के रूप में किया था।
