Delhi Airport ATC: 1 हफ्ते से थी समस्या, अब हुई विकराल... क्या है GPS Spoofing, जिससे ठप हुईं फ्लाइट

दिल्ली IGI एयरपोर्ट पर GPS स्पूफिंग के कारण सैंकड़ों फ्लाइट प्रभावित।
Delhi Airport Technical Issue: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम में समस्या के चलते 300-400 फ्लाइट् प्रभावित हुई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वास्तव में यात्री विमानों को जीपीएस स्पूफिंग की समस्या से जूझना पड़ रहा है। यह समस्या पिछले एक हफ्ते से बनी हुई है, जो अब काफी ज्यादा बढ़ गई है। इसके कारण हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी के कारण फ्लाइट लैंड और टेकऑफ नहीं हो पा रही हैं।
बता दें कि पिछले एक हफ्ते से आईजीआई एयरपोर्ट पर यात्री फ्लाइट्स को जीपीएस स्पूफिंग के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। जीपीएस स्पूफिंग के कारण पायलट और एटीसी को फ्लाइट की लोकेशन का पता नहीं चल पाता है। इसकी वजह से विमानों की आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पायलटों ने बताया कि पिछले कई दिनों से वे लगातार इस समस्या का सामना कर रहे हैं।
क्या है जीपीएस स्पूफिंग?
पिछले कुछ दिनों से आईजीआई एयरपोर्ट पर यात्री विमानों का जीपीएस स्पूफिंग के कारण लैंड होने में दिक्कतें आ रही हैं। बता दें कि जीपीएस स्पूफिंग एक साइबर अटैक है, जिसमें नकली जीपीएस सिग्नल भेजा जाता है। इससे फ्लाइट सही लोकेशन की जगह गलत दिशा में चली जाती है। एक्सपर्ट्स की मानें, तो इसके पीछे कई अलग-अलग वजहें हो सकती हैं। हालांकि इसका इस्तेमाल अक्सर युद्ध क्षेत्रों में ड्रोन और निगरानी सिस्टम को भ्रमित करने के लिए किया जाता है। इस मामले में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
डीजीसीए जांच में जुटा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो दिल्ली एयरपोर्ट पर पिछले एक हफ्ते से कई विमानों में जीपीएस स्पूफिंग की समस्या देखी गई है। 5 नवंबर को इस तरह के 8 मामले देखे गए, जिनमें डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट शामिल हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली से 60 नॉटिकल माइल तक के क्षेत्र में यह समस्या देखी गई है।
जीपीएस स्पूफिंग विमान की सुरक्षा के लिए एक गंभीर समस्या है। ऐसे में इस मामले की गंभीरता से जांच के आदेश दिए गए हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) सभी घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहा है। इस मामले में कई टेक्निकल टीमें मिलकर जांच कर रही हैं।
एक एयरलाइंस के पायलट ने बताया कि पिछले हफ्ते उन्होंने 6 दिन फ्लाइट उड़ाई और हर बार जीपीएस स्पूफिंग का सामना करना पड़ा। पायलट के अनुसार, दिल्ली एयरपोर्ट पर एक बार फ्लाइट लैंड करने के दौरान उनके कॉकपिट सिस्टम में अलर्ट आया कि आगे रूट पर कोई खतरा है, लेकिन वास्तव में वहां ऐसा कुछ नहीं था। इसके अलावा अन्य कुछ फ्लाइट्स के साथ भी ऐसा हुआ, जिससे उड़ानों में देरी हो रही है। रिपोर्ट्स की मानें, तो भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर जीपीएस स्पूफिंग होना सामान्य बात है। मगर देश की राजधानी दिल्ली के हवाई क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं होना सामान्य नहीं है।
गंभीर चिंता का विषय
दिल्ली का आईजीआई एयरपोर्ट देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है। इस एयरपोर्ट से रोजाना 1,500 से उड़ानें संचालित होती हैं। ऐसे में इस एयरपोर्ट पर नेविगेशन सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी एयर ट्रैफिक सुरक्षा के लिए चेतावनी बन सकती है। इस समस्या के चलते अगर कोई चूक होती है, तो विमानों के बीच की दूरी कम हो सकती है, जिससे ज्यादा भीड़भाड़ वाले हवाई क्षेत्र में जोखिम बढ़ जाता है।
आईजीआई एयरपोर्ट पर 300-400 फ्लाइट प्रभावित
शुक्रवार सुबह से दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर एटीसी के ऑटोमेटिक मैसेज स्विच सिस्टम (एएमएसएस) में गड़बड़ी हो गई। यह सिस्टम प्लेन के शेड्यूल यानी टेकऑफ और लैंडिंग की जानकारी देता है। इसके खराब होने की वजह से बहुत से विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर उतर नहीं पा रहे हैं और न ही टेकऑफ कर पा रहे हैं। ऐसे में एटीसी अधिकारी पहले से मौजूद डेटा के अनुसार, मैन्युअली फ्लाइट शेड्यूल तैयार कर रहे हैं, लेकिन इसमें काफी ज्यादा समय लगता है। फिलहाल एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीमें इस सिस्टम को ठीक करने में जुटी हुई हैं।
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