Delhi Politics: 'सरकारी अस्पतालों के निजी हाथों में देने की साजिश', AAP का दिल्ली सरकार पर आरोप

AAP Saurabh Bhardwaj
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दिल्ली सरकार पर सौरभ भारद्वाज ने लगाए गंभीर आरोप।

Delhi Politics: आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सरकारी अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपने की योजना बनाई जा रही है। इससे दिल्ली की जनता को नुकसान होगा और प्राइवेट अस्पतालों को फायदा होगा। जानें मामला...

Delhi Politics: दिल्ली में एक बार फिर सरकारी अस्पतालों को लेकर मुद्दा गरम हो रहा है। आम आदमी पार्टी का दावा है कि दिल्ली की बीजेपी सरकार राजधानी के सरकारी अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपने की योजना बना रही है। इस मुद्दे को लेकर 'आप' और बीजेपी के नेताओं के बीच बहस छिड़ी हुई है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार दिल्ली में बने अस्पतालों को प्राइवेट कंपनियों को सौंपने की योजना बना रही है। इससे जनता को नुकसान होगा, जबकि प्राइवेट अस्पतालों को बड़ा फायदा होगा।

आम आदमी पार्टी दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी सरकार से बड़े सवाल किए हैं। उन्होंने 'एक्स' पर सीएम रेखा गुप्ता से सवाल करते हुए लिखा, 'क्या केजरीवाल सरकार में बनाये जा रहे सरकारी अस्पतालों को बीजेपी सरकार निजी हाथों में देने जा रही है?' भारद्वाज ने सवाल किया कि सरकारी अस्पताल को प्राइवेट करने से जनता का क्या फायदा होगा।

बीजेपी सरकार पर लगाए आरोप

आम आदमी पार्टी का कहना है कि उनकी सरकार के दौरान दिल्ली में करीब 24 नए अस्पताल सरकारी अस्पतालों का निर्माण शुरू किया गया था। इन अस्पतालों में हजारों बेड की सुविधा देने की योजना बनाई गई थी। आप का दावा है कि शालीमार बाग में 1,470 बेड वाला अस्पताल बनकर तैयार है, लेकिन बीजेपी सरकार इसे चालू नहीं कर ही है। इस बीच 'आप' नेता सौरभ भारद्वाज ने भी दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है।

उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ शालीमार बाग अस्पताल तक सीमित नहीं है। हजारों बिस्तरों वाले लगभग 24 अस्पताल जनता की सेवा के लिए तैयार हैं, लेकिन दिल्ली भाजपा सरकार उनका संचालन शुरू नहीं कर रही है। सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि बीजेपी सरकार की योजना इन अस्पतालों का निजीकरण करने की है, जिससे सारा लाभ निजी संस्थानों को मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले पर अभी तक दिल्ली बीजेपी सरकार के किसी भी अधिकारी ने कोई स्पष्ट बयान जारी नहीं किया है।

बीजेपी का क्या दावा?

वहीं, बीजेपी की ओर से कहा गया कि आप सरकार के कार्यकाल में अस्पतालों को बनाने में देरी हुई थी। कोविड-19 के दौरान अस्पताल की निर्माण योजनाओं में रुकावटें आई थीं। इस पर आम आदमी पार्टी ने कहा कि भले ही निर्माण में देरी हुई है, लेकिन उनकी सरकार ने कभी भी अस्पतालों को प्राइवेट कंपनियों को सौंपने की बात नहीं की।

'जनता हो होगा नुकसान'

आम आदमी पार्टी का कहना है कि अगर दिल्ली के सरकारी अस्पतालों को प्राइवेट कंपनियों के हाथों में दिया गया, तो इसका नुकसान जनता को होगा। इससे सरकारी अस्पताल में फ्री इलाज की सुविधा खत्म हो जाएगी और प्राइवेट अस्पतालों को लाभ होगा। 'आप' ने कहा कि इससे गरीबों और आम लोगों को कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि उन्हें मुफ्त इलाज के बजाय महंगा इलाज खरीदना पड़ेगा। पार्टी ने दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता और स्वास्थ्य मंत्री से इस पर जवाब की मांग की है।

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