High Court: 'यह फायदा अपराध की कमाई...,' क्रिकेट सट्टेबाजी पर दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला

Delhi News Hindi
X

क्रिकेट सट्टेबाजी पर दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला।  

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रिकेट पर सट्टेबाजी से होने वाले मुनाफे पर फैसला सुनाया है। यहां पढ़ें कोर्ट ने क्या दलीलें दी हैं...

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रिकेट पर सट्टेबाजी से होने वाले मुनाफे को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि क्रिकेट सट्टेबाजी से वाला मुनाफे को PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत अपराध की कमाई तब माना जाएगा, जिसमें गैर-कानूनी तरीके से खरीदी गई प्रॉपर्टी का इस्तेमाल किया गया हो।

मामले को लेकर कोर्ट ने बीते दिन 2 नवंबर को कहा कि अगर कोई व्यक्ति जालसाजी, धोखाधड़ी या साज़िश के माध्यम से क्रिकेट बेटिंग से पैसा कमाता है तो ED द्वारा उसे 'क्राइम से हुई कमाई' मानकर जब्त कर लिया जाएगा। ED प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत इस कार्रवाई को करेगी।

कोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि, 'भले ही क्रिकेट बेटिंग PMLA के शेड्यूल में दर्ज अपराध न हो, फिर भी अगर बेटिंग से जुड़ी प्रॉपर्टी किसी गैर-कानूनी तरीके से हासिल की गई है, तो ED उस पर कार्रवाई कर सकती है।'

फैसले में बेंच ने क्या कहा ?

जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने फैसला सुनाते समय कहा कि, अगर कोई व्यक्ति धोखाधड़ी से प्रॉपर्टी हासिल करके उसे आगे किसी और गतिविधि में इस्तेमाल करता है तो, उससे कमाया हुआ पैसा 'गुनाह की कमाई' माना जाएगा, ED उसे अटैच कर सकती है। दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर बार एंड बेंच ने कोर्ट के हवाले से कहा गया कि कोर्ट के मुताबिक 'क्योंकि प्रॉपर्टी की शुरुआत एक अपराध से हुई थी, इसलिए उस पर लगा दाग आगे के इस्तेमाल में भी बना रहता है।'

ED ने की थी छापेमारी

कोर्ट का कहना है कि इस मामले में PMLA की धारा 2(1)(u) का दायरा काफी बड़ा है। इस धारा में अपराध से सीधे हुई कमाई ही नहीं बल्कि उस दागदार प्रॉपर्टी को इस्तेमाल करने, ट्रांसफर करने या आगे किसी भी तरीके से इस्तेमाल करने से जो मुनाफा मिलता है, उसे भी अपराध की कमाई में माना जाएगा। पूरा मामला अंतरराष्ट्रीय बेटिंग सिंडिकेट की ED जांच से जुड़ा हुआ है।

जिसे UK-बेस्ड साइट Betfair.com के माध्यम से चलाया जाता था। इस मामले में ED ने मई 2015 में एक शख्स के घर पर छापेमारी की थी। उस पर आरोप था कि वह 'सुपर मास्टर ID' खरीदता और आगे बांटा करता था। इसकी सहायता से बिना KYC के फेक बेटिंग अकाउंट बनाए जाते थे। इन IDs को आरोपियों ने करोड़ों रुपए में खरीदा था।

अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें। हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए haribhoomi.com के साथ।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story