दिल्ली HC का केंद्र से सवाल: इंडिगो फेल हुई तो सरकार ने क्या किया, 5000 का टिकट 35000 तक कैसे पहुंचा; इस हालात का जिम्मेदार कौन ?

Delhi High Court Hearing On IndiGo Crisis
X

इंडिगो संकट पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से तीखे सवाल पूछे।

IndiGo Crisis: दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडिगो संकट के मुद्दे पर केंद्र सरकार से सवाल किया कि आखिर 5 हजार रुपये के टिकट की कीमत 30-35 हजार तक कैसे पहुंच गई? क्या यात्रियों को मुआवजा दिलाने के लिए कोई कार्रवाई की गई है?

Delhi High Court Hearing On IndiGo Crisis: इंडिगो की हजारों फ्लाइट देशभर में रद्द होने के मुद्दे पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए केंद्र सरकार से गंभीर सवाल पूछे। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई थी। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे एक संकट करार दिया। साथ ही केंद्र सरकार से सवाल किया कि अचानक से स्थिति क्यों बिगड़ी?

कोर्ट ने सीधा सवाल पूछा कि ऐसी स्थिति उत्पन्न क्यों हुई? इसके लिए जिम्मेदार कौन है? दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने सरकार से फंसे हुए यात्रियों के प्रबंधन और हवाई अड्डों पर उत्पीड़न को रोकने के लिए किए गए इंतजामों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा।

5000 का टिकट 35 हजार में कैसे?

दिल्ली हाईकोर्ट ने हवाई किराए में तेज बढ़ोतरी को लेकर सवाल किया किया पहले 5,000 रुपये में मिलने वाले टिकट की कीमत बढ़कर 30,000-35,000 रुपये कैसे हो गई। पीठ ने पूछा, 'अगर कोई संकट था, तो दूसरी एयरलाइन्स को इसका फायदा कैसे उठाने दिया जा सकता था? किराया 35,000-39,000 रुपये तक कैसे पहुंच सकता है? दूसरी एयरलाइन्स इतनी ज्यादा रकम कैसे वसूलना शुरू कर सकती हैं? ऐसा कैसे हो सकता है?'

दिल्ली हाईकोर्ट ने हवाई सेवा में व्यवधान के मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र से पूछा, 'यात्रियों को मुआवजा देने के लिए क्या कार्रवाई की गई है? आप यह कैसे सुनिश्चित कर रहे हैं कि एयरलाइन कर्मचारी जिम्मेदारी से व्यवहार करें?' अदालत ने कहा कि यह मुद्दा केवल असुविधा का नहीं है, बल्कि इसमें आर्थिक नुकसान और व्यवस्थागत विफलताएं भी शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने क्या कहा?

इस मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि विधिक प्रावधान पूरी तरह लागू हैं। इंडिगो को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा चुका है। यह भी कहा गया कि विमानन कंपनी ने काफी क्षमा-याचना की है।

सरकार के वकील ने यह भी कहा कि संकट विभिन्न नियम उल्लंघनों की वजह से पैदा हुआ है, जिनमें समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन न करना शामिल है। खासकर क्रू सदस्यों के फ्लाइट ड्यूटी घंटों से संबंधित नियमों का उल्लंघन किया गया।

सरकार पर लापरवाही का आरोप

सरकार के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि लंबे समय से एफडीटीएल (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) लागू किया जाना था। पहले जुलाई और फिर नवंबर में 2 चरणों में एफडीटीएल लागू करने की अंडरटेकिंग दी गई थी। इस पर अदालत ने पूछा कि उन्हें छूट किसने दी और यह स्थिति क्यों उत्पन्न हुई? इसके अलावा कोर्ट ने डीजीसीए पर एयरलाइन के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप भी लगाया।

वहीं, डीजीसीए की ओर से कहा गया कि कर्मचारियों की कमी के कारण यह संकट पैदा हुआ और अगर छूट नहीं दी जाती, तो इसका ज्यादा असर हो सकता था। कोर्ट ने एयरलाइन को पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों को नियुक्त करने के आदेश दिए।

अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें। हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए haribhoomi.com के साथ।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story