Delhi High Court: अस्पताल में एक महीने सेवा..., पॉक्सो एक्ट केस के आरोपी को हाईकोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर एक व्यक्ति को अनोखी सजा सुनाई है। हाईकोर्ट ने दोषी को सरकारी अस्पताल में सेवा करने का आदेश दिया है। साथ ही युद्ध में हताहत हुए लोगों के लिए बने सेना कल्याण कोष युद्ध में 50 हजार रुपए जमा करने को भी कहा है। कोर्ट ने आरोपी को यह सजा सुनाते हुए उसकी FIR रद्द कर दी। बता दें कि यह मामला एक स्कूल के सीनियर छात्र से जुड़ा हुआ है।
एक सीनियर छात्र ने नाबालिग छात्रा को ब्लैकमेल करते हुए उससे पैसों की मांग की। पैसे ने देने पर उसने नाबालिग की प्राइवेट फोटोज वायरल करने की भी धमकी दी। इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि ऐसे आरोप लगे होने पर आरोपी पर दर्ज FIR रद्द नहीं किए जाते हैं, लेकिन पीड़िता की निजता (Privacy) और सम्मान को ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिए जा रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 2017 का है। शिकायतकर्ता लड़की से उसके स्कूल के एक सीनियर छात्र ने उसकी प्राइवेट तस्वीरें मांगी और कहा कि रोमांटिक रिलेशनशिप में इस तरह की फोटो का लेनदेन नॉर्मल बात है। कुछ समय बाद उनके बीच बात नहीं बन पाई और उन्होंने बातचीत करना बंद कर दिया। साल 2018 में आरोपी सीनियर छात्र ने शिकायतकर्ता लड़की को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया और 6 हजार रुपए की मांग की। आरोपी ने धमकी दी कि अगर उसे पैसे नहीं मिला, तो वह उसकी फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा।
शिकायतकर्ता का दावा कि उसने कई बार आरोपी को पेमेंट भी किया। इतना ही नहीं, अप्रैल 2018 में आरोपी के एक दोस्त ने भी शिकायतकर्ता को ब्लैकमेल किया, जिससे डरकर उसने आरोपी के दोस्त को भी पैसे भेज दिए।
साल 2019 में सीनियर छात्र के खिलाफ FIR दर्ज कराया गया, जिसमें उसके ऊपर महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला करने या आपराधिक बल का प्रयोग करने, आपराधिक धमकी देने और पॉक्सो एक्ट समेत IPC की अन्य धाराएं लगाई गईं।
कोर्ट ने दी ये सजा?
इस मामले पर 27 मई को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पीड़िता ने इस मामले को यहीं पर खत्म करने की अपील की है, जिससे उसके भविष्य पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में आरोपी पर दर्ज FIR को रद्द करते हुए सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपी को जून के महीने के दौरान लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में कम्युनिटी सेवा के करने का आदेश दिया है। साथ ही उस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने आरोपी (याचिकाकर्ता) से उस बयान को भी रिकॉर्ड में लिया, जिसमें उसने बताया कि पीड़िता की कोई भी प्राइवेट फोटो उसके पास नहीं है।
