Delhi Illegal Liquor: 'बिना लाइसेंस चल रहे बार-रेस्तरां...'अवैध शराब परोसने पर HC सख्त
दिल्ली हाईकोर्ट ने अवैध बार और रेस्तरां पर पुलिस से मांगी रिपोर्ट।
Delhi Illegal Liquor: दिल्ली में अवैध तरीके रूप से चल रहे पब, बार और रेस्टोरेंट के खिलाफ हाईकोर्ट सख्त हो गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पुलिस से सवाल किया कि इन क्लबों, पबों, बारों और रेस्तरांओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? इस संबंध में हाईकोर्ट ने पूरी डिटेल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इनमें लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन कर संचालित होने वाले रेस्तरां भी शामिल हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार गेडेला की बेंच एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह याचिका दिल्ली के महताब खान द्वारा दायर की गई थी।
क्या है याचिकाकर्ता की शिकायत?
याचिकाकर्ता महताब खान ने जनहित याचिका में दावा किया है कि दिल्ली में कई क्लब, पब, बार और रेस्टोरेंट बिना एल-16 लाइसेंस के अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। इससे सरकार को नुकसान हो रहा है। याचिकाकर्ता का दावा है कि इस तरह के लगभग 21 प्रतिष्ठान लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन करते हुए संचालित किए जा रहे हैं। इन तोड़े जा रहे नियमों में तय किए गए समय के बाद शराब की बिक्री, नकली होटलों से संचालित क्लब, सुरक्षा उपायों का कमी, आयु-सीमा के प्रतिबंधों का पालन न होना आदि शामिल हैं।
पुलिस और आबकारी विभाग पर आरोप
याचिकाकर्ता का आरोप है कि ये अवैध दुकानें और रेस्तरां दिल्ली पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रही हैं। याचिका में कहा गया कि कई रेस्तरां, क्लब और पब सुबह 7 बजे कर चलते रहते हैं, जबकि रात के 1 बजे के बाद शराब परोसने की अनुमति नहीं है। शिकायतकर्ता का कहना है कि सिर्फ एल-16 लाइसेंस वाले प्रतिष्ठान (पब, बार और रेस्तरां आदि) ही 24 घंटे शराब की बिक्री कर सकते हैं। इस लाइसेंस के लिए जरूरी है कि प्रतिष्ठान किसी 5-स्टार होटल या उससे ऊंची कैटेगरी के होटल परिसर में होना चाहिए।
21 प्रतिष्ठानों में नियमों का उल्लंघन
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि 21 ऐसे प्रतिष्ठान पाए गए हैं, जहां पर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। शिकायतकर्ता का दावा है कि उन्होंने और उनके सहयोगियों ने खुद उन प्रतिष्ठानों का दौरा किया गया। कुछ प्रतिष्ठान ऐसी जगहों पर हैं, जहां जरूरत पड़ने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी नहीं पहुंच सकती हैं। ऐसे में लोगों की जान भी खतरे में पड़ती है।
