Water Issue: 'यमुना में केवल उपचारित जल छोड़ा जाए', दिल्ली हाईकोर्ट ने DJB-MCD से मांगी एक्शन रिपोर्ट

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यमुना प्रदूषण पर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त

दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि यमुना में केवल उपचारित जल ही छोड़ा जाना चाहिए। विशेष समिति के सदस्यों को सभी एजेंसियों के साथ 7 अगस्त को बैठक करने का निर्देश दिया है।

मानसून के इस सीजन में भी दिल्ली के लोगों को दूषित पेयजल सप्लाई की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें बताया गया था कि यमुना में प्रदूषण बढ़ने का खतरा है। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना के प्रदूषण पर अहम टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली नगर निगम से यमुना में छोड़े जाने वाले पानी के मुद्दे पर संयुक्त रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से यमुना नदी में छोड़े जाने वाले पानी के मुद्दे पर विशेष समित की ओर से जो कमियां उजागर हुईं, उन्हें दूर करने की कार्ययोजना का पूरा ब्यौरा संयुक्त रिपोर्ट में होना चाहिए। पीठ ने कहा कि यमुना में केवल उपचारित जल ही छोड़ा जाना चाहिए।

उच्च न्यायालय ने विशेष समिति के सदस्यों को निर्देश दिया कि 7 अगस्त को विशेष बैठक बुलाई जाए। इस बैठक में दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली नगर निगम, डीएसआईआईडीसी, डीपीसीसी के संबंधित अधिकारी और अन्य एजेंसियां, जिनके सहयोग की आवश्यकता होगी, बैठक में शामिल होंगी। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस बैठक के बाद आगे की बैठकों की जरूरत पड़े तो अधिकारी सहमत हो सकते हैं। अंत में डीजेबी और एमसीडी को ही अपनी संयुक्त रिपोर्ट में विशेष समिति द्वारा बताई गई खामियों को दूर करने की कार्ययोजना पेश करेंगे।

यमुना में प्रदूषण बढ़ने का खतरा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई महीने में यमुना का जलस्तर अभी तक चेतावनी स्तर को पार नहीं कर सका है। विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया है कि पिछले साल की तुलना में इस साल अभी तक जलस्तर कम है, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। अगर यही स्थिति अगस्त या सितंबर महीने में भी बनी रही तो प्रदूषण का स्तर और भी ज्यादा बढ़ेगा। फिलहाल, जिस तरह से लगातार बारिश हो रही है, उसके चलते प्रदूषण का स्तर कम हुआ होगा, लेकिन कितना कम हुआ, इसका अभी तक स्पष्ट ब्यौरा सामने नहीं आ सका है।

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