Delhi High Court: 1984 सिख विरोधी दंगा... दिल्ली हाईकोर्ट ने दोबारा सुनवाई का दिया आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने किरायेदार के हक में लिया फैसला।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले की दोबारा से सुनवाई करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, निचली अदालत को तीन और मामलों को लेकर फिर से केस के रिकॉर्ड बनाने के लिए कहा है। दरअसल, इन मामलों के गवाहों के बयान जैसे आवश्यक दस्तावेज गायब हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1984 के सिख विरोधी दंगों में पालम नगर कॉलोनी के राज नगर पार्ट 1 इलाके में भी 5 सिखों की हत्या हुई थी। राजनगर पार्ट 2 में भी दंगाइयों ने एक गुरुद्वारे को जला दिया था। यह सभी मामले दिल्ली कैंट पुलिस स्टेशन में दर्ज हुए थे। हाईकोर्ट ने 2017 में इन मामलों को दोबारा से खोला था।
कोर्ट ने पाया कि सभी आरोपी 1986 में निचली अदालतों से बरी हो गए थे। खास बात है कि दिल्ली पुलिस और सीबीआई ने भी उनकी रिहाई के खिलाफ अपील भी नहीं की। अभी तक कई आरोपियों की मौत हो चुकी है, लेकिन दो आरोपी अभी भी जिंदा हैं। ऐसे में हाईकोर्ट ने दोबारा से सुनवाई का आदेश देने के साथ ही निचली अदालत को फिर से केस के रिकॉर्ड बनाने को कहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने की यह टिप्पणी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाईकोर्ट ने इन मामलों को दोबारा से खोलने का आदेश देते हुए कहा कि यह मामला 40 साल पुराना है, लेकिन यह एक असाधारण मामला है। ऐसे में 28 मई 1986 के बरी करने के फैसले को रद्द किया जाता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पहले सच जानने की कोशिश नहीं लगती है। कोर्ट ने सीबीआई को आगे की जांच करने का आदेश दिया। कहा कि अगर मामले को छोड़ा गया तो यह न्याय की विफलता साबित होगी।
