Delhi High Court: सरकारी अस्पतालों में स्टाफ की कमी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त, सरकार को दिए ये निर्देश

Delhi High Court Decision on Government Hospitals
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दिल्ली के सरकारी अस्पतालों को लेकर हाईकोर्ट का निर्देश।

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी पर सख्त रुख अपनाते हुए स्टाफ की भर्ती को लेकर निर्देश जारी किए हैं। साथ ही अधूरी पड़ी 24 परियोजनाओं को लेकर चिंता जताई है।

Delhi High Court: दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ की काफी कमी है। इसके कारण मरीजों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं अब दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को लेकर सख्त रुख अपनाया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिए हैं कि नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की जाए और इस भर्ती में किसी तरह की बाधा न आए।

दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनीष एस. अरोड़ा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। बेंच ने कहा कि एग्जाम रिजल्ट घोषित होने और आवश्यक औपचारिकताएं जल्द पूरी की जाएं। इसके बाद जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके अलावा बेंच ने 22 अगस्त को इस मामले की अगली सुनवाई निर्धारित की है। बेंच ने इस सुनवाई में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सचिव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं।

कोर्ट ने कहा कि रिजल्ट घोषित होने के बाद आवश्यक औपचारिकताओं को जल्द पूरा किया जाए। इसके बाद पद के आधार पर भर्ती की जाए। अन्य पदों की भर्ती का इंतजार किए बिना पहले इस भर्ती की प्रक्रिया को शुरू किया जाए।

बता दें कि साल 2017 में हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को लेकर स्वत: संज्ञान लिया था। इसमें दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की देखभाल की कमी के आरोप लगे थे। डॉक्टर एके सरीन कमेटी को जांच के आदेश दिए गए थे। कमेटी ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य प्रणाली में कई खामियां उजागर की गई थीं। इनमें पदों का खाली रहना, विशेषज्ञ फैकल्टी की कमी और बुनियादी ढांचे की दिक्कतें बताई गई थीं। दिल्ली हाईकोर्ट ने एम्स के डायरेक्टर को सरीन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

इस मामले में एमिकस क्यूरी के रूप में वकील अशोक अग्रवाल को अपॉइंट किया गया। 10 जुलाई को दाखिल स्टेटस रिपोर्ट के जरिए दिल्ली सरकार ने बताया कि नर्सिंग ऑफिसर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के कई पद खाली हैं। इसके लिए अप्रैल से दिसंबर के बीच भर्ती के परिणाम घोषित किए जाएंगे।

इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिए कि वे ऑडियोमेट्रिक असिस्टेंट, ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट और फिजियोथेरेपिस्ट के पदों पर भर्ती के विज्ञापन जारी करें। इसके अलावा कोर्ट ने 24 अधूरी अस्पताल परियोजनाओं को लेकर गंभीर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य ठप्प पड़ा है।

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