Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश, अलग रह रही पत्नी भी पति की पेंशन की हकदार

Delhi High Court canceled the marriage
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दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द की शादी
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अगर वैवाहिक विवाद चल रहा है, तो भी पत्नी को तलाक से पहले दिवंगत पति की पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता है। पढ़िये यह रिपोर्ट...

दिल्ली हाईकोर्ट ने वैवाहिक विवादों के चलते अलग रह रही पत्नी को लेकर बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि वैवाहिक विवादों के चलते अलग हुए पति की मौत के बाद पत्नी को फैमिली पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता है। इससे पहले इस मामले में कैट ने आदेश दिया था कि पत्नी उसके दिवगंत पति की पेंशन की हकदार नहीं होगी। अब हाईकोर्ट ने कैट के इस फैसले को पलट दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस मधु जैन की बेंच ने कहा कि किसी महिला को परिवारिक पेंशन जारी करने के लिए आवेदन करना देरी अपराध नहीं है। कोर्ट ने कहा कि पत्नी ने मृतक से भरण पोषण के लिए आवेदन दायर किया था। हालांकि दोनों पति पत्नी के बीच विवाद था, लेकिन जब तक तलाक न हो जाए तब तक पत्नी को पति की मौत के बाद भी उसकी पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता है।

यह है पूरा मामला

याचिकाकर्ता पत्नी का अपने पति से पारवारिक विवाद चल रहा था। लेकिन 2009 में उसके पति का देहांत हो गया। पत्नी ने फैमिली पेंशन की मांग करते हुए 2013 में सरकार के समक्ष आवेदन दाखिल किया। कैट ने निर्देश दिया कि बकाया राशि का भुगतान 16 अक्टूबर 2014 से ही होगा।

वहीं, केंद्र ने भी पति पत्नी के बीच वैवाहिक विवाद का हवाला देकर पत्नी को पेंशन देने के दावे को भी खारिज कर दिया था। केंद्र ने कहा था कि मृतक ने अपने फैमिली मेंबर्स की लिस्ट में अपनी पत्नी का नाम नहीं लिखा था। इस पर महिला ने तर्क दिया कि भले ही वैवाहिक विवाद है, लेकिन उसे फैमिली पेंशन से इनकार नहीं किया जा सकता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले को सुनते हुए कैट के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने सरकार को भी चार महीने के भीतर पूरी बकाया राशि को ब्याज समेत भुगतान करने का निर्देश दिया है।

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