Delhi HC: 'फांसी घर' विवाद सुनने योग्य नहीं, केजरीवाल की अर्जी पर हाईकोर्ट की टिप्पणी

दिल्ली हाईकोर्ट ने 'फांसी घर' मामले को कल के लिए सूचीबद्ध किया।
दिल्ली विधानसभा के विवादास्पद 'फांसी घर' को लेकर पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फिलहाल राहत नहीं मिली है। अरविंद केजरीवाल और आप नेताओं ने विधानसभा की प्रिविलेज कमेटी की ओर से जारी समन को चुनौती दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया द्वारा दायर याचिका पर कहा कि प्रथम दृष्टया यह सुनवाई योग्य नहीं है। मामला कल के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
दिल्ली विधानसभा परिसर में एक सरंरचना को लेकर विवाद बना है। आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप है कि एक सरंचना को ब्रिटिश कालीन 'फांसी घर' बताकर 2022 में केजरीवाल की मौजूदगी में उद्घाटन किया गया था। वर्तमान बीजेपी सरकार ने इस दावे को झूठा बताते हुए कहा कि यह मूलरूप से सेवा सीढ़ी या टिफिन रूम था। लेकिन केजरीवाल और सिसोसिया व अन्य आप नेताओं ने इतिहास को तोड़ मरोड़कर कर पेश किया और सार्वजनिक धन की भी दुरुपयोग किया।
दिल्ली विधानसभा सत्र के सितंबर के सत्र के दौरान स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि इस स्थान को जेल जैसा दिखाने के लिए करीब एक करोड़ रुपये खर्च किए गए। इस कथित 'फांसी घर' विवाद में स्वतंत्रता सेनानियों के भित्तिचित्रय, प्रतीकात्मक लोहे की सलाखें और दो फंदे लगाए गए हैं। प्रीविलेज कमेटी को मामले की जांच के आदेश दिए थे।
भाजपा विधायक प्रद्युमन सिंह राजपूत की अध्यक्षता में 13 नवंबर को इस विवादित सरंचना की जांच के लिए बैठक होने वाली है। दिल्ली विधानसभा ने छह नवंबर को अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, राम निवास गोयल, राखी बिड़ला को 13 नवंबर को इस बैठक में शामिल होने के लिए समन जारी किया है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में जाकर प्रीविलेज कमेटी के समन को चुनौती दी है। आज कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रथम दृष्टया यह सुनवाई योग्य नहीं है। कोर्ट ने मामले को कल यानी 12 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।
