Delhi High Court: मां की हत्या की आरोपी बेटी को मिली राहत, दिल्ली HC ने दी क्यों दी जमानत?

दिल्ली हाईकोर्ट ने मां की हत्या की आरोपी बेटी को दी जमानत।
Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने मां की हत्या की आरोपी बेटी को मानवीय आधार पर जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि महिला के 7 साल के बच्चे को उसके पूर्व पति के रिश्तेदारों के पास छोड़ दिया गया था, जिसकी वजह से उसकी उचित देखभाल नहीं हो पा रही है। जस्टिस संजीव नरूला की बेंच ने कहा कि 28 साल की आरोपी महिला का पूर्व पति बच्चे की देखभाल नहीं कर रहा था। ऐसे में मानवीय आधार पर जमानत याचिका पर विचार किया जाना चाहिए।
अदालत का कहना है कि आरोपी महिला की लंबी कैद के कारण बच्चे के कल्याण पर सीधा असर पड़ता है। मानवीय कल्याण के आधार पर हाईकोर्ट ने महिला को नियमित जमानत दे दी। अभियोजन पक्ष ने अदालत में इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि आरोपी महिला ने अपनी मां की निर्मम हत्या की थी। हालांकि बच्चे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने महिला को राहत देने का फैसला लिया।
प्रेमी के साथ मिलकर की थी हत्या
दरअसल, यह मामला साल 2022 का है। आरोपी महिला लॉ ग्रेजुएट है। वह किसी अन्य व्यक्ति के साथ संबंध में थी। महिला की मां ने इस रिश्ते का विरोध किया। यह बात महिला को पसंद नहीं आई और उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपनी मां की हत्या कर दी। आरोपी महिला ने हत्या के बाद घटना को लुटेरों द्वारा की गई डकैती का रूप देने की कोशिश की। इसके लिए आरोपियों ने घर से गहने और कैश चोरी कर लिए और खून से सने कपड़े भी नष्ट कर दिए। वारदात के अगले दिन 20 फरवरी, 2022 को पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार किया था।
महिला ने जमानत याचिका में क्या कहा?
आरोपी महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। इसमें महिला ने कहा कि वह एक युवा और सिंगल मदर है। इससे मामले से पहले उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है। महिला ने बताया कि उसके पति ने भी उसे तलाक देने के बाद दूसरी शादी कर ली है। मौजूदा समय में उसका 7 साल का बेटा उसके पूर्व पति के रिश्तेदारों के पास रह रहा है, जहां पर उसका उचित देखभाल नहीं हो रहा है। महिला ने कहा कि उसके बेटे की देखभाल के लिए उसकी रिहाई जरूरी है।
अदालत में पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध किया। पुलिस ने कहा कि महिला अपनी ही मां की क्रूर और निर्मम हत्या में शामिल थी। यह गंभीर अपराध हैं। ऐसे में महिला को जमानत देने मुकदमे की निष्पक्षता पर असर डाल सकती है।
कोर्ट ने क्या कहा?
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए आरोपी महिला को नियमित जमानत दे दी। अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों में यह सिद्ध किया गया है कि जमानत का उद्देश्य दंडात्मक या निवारक नहीं होता, बल्कि आरोपी की ट्रायल में उपस्थिति सुनिश्चित करना होता है। वर्तमान मामले में, आवेदक की लंबी अवधि की कैद, मुकदमे की धीमी प्रगति, प्रत्यक्ष प्राथमिक साक्ष्य की अनुपस्थिति, उसके सिंगर मदर होने की स्थिति और स्वच्छ क्राइम रिकॉर्ड को देखते हुए कोर्ट ने यह फैसला लिया।
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