Delhi: इंजीनियर राशिद का तिहाड़ से संसद का सफर, 4 लाख का खर्चा, हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा ये सवाल

बारामूला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद।
जम्मू कश्मीर के बारामूला से लोकसभा सांसद शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद ने संसद की कार्यवाही में शामिल होने के लिए भुगतान राशि को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आज हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस से इंजीनियर राशिद के संसद में उपस्थित होने पर खर्च की गई राशि की गणना का अधार पूछा। साथ ही, मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तारीख मुकर्रर कर दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तिहाड़ जेल में बंद इंजीनियर राशिद के संसद की कार्यवाही में शामिल होने के लिए होने वाले खर्च का भुगतान करने को कहा गया था। इस पर राशिद ने याचिका लगाई, जिसमें समन्वय पीठ द्वारा पारित आदेशों में संशोधन की मांग की गई थी, जिसमें हिरासत के दौरान संसद में उपस्थित रहने के लिए होने वाले खर्च के रूप में जेल अधिकारियों को 4 लाख रुपये जमा करने को कहा गया था।
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि इस खर्च की गणना किस आधार पर की गई है। न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने कहा कि इस प्रश्न का सार यह है कि संबोधित संचार में प्रकट विभिन्न गणनाओं के आधार की व्याख्या की जाए। कोर्ट ने कहा कि आज एपीपी उपलब्ध नहीं हैं, लिहाजा अगली सुनवाई पर राज्य की ओर से इस प्रश्न का उत्तर दिया जाए।
राशिद के वकील ने दी थी ये दलीलें
वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने राशिद की ओर से पीठ के समक्ष उनकी दलीलें रखीं। उन्होंने बताया कि संसद में विधायकी अनुपस्थिति उचित नहीं है। अगर वे (राशिद) संसद में उपस्थित नहीं होंगे, तो जनता की आवाज नहीं सुनी जा सकेगी।
उन्होंने कहा, 'मैं नहीं कह रहा कि आप मुझे अंतरिम जमानत दे दें। मैं कह रहा हूं कि ऐसी कोई शर्त न लगाएं, जो मु्झे अपना कर्तव्य निभाने से रोके।' इसके बाद भी उन्होंने कई दलील रखीं, जिसके बाद कोर्ट ने सांसद इंजीनियर राशिद के संसद में उपस्थित होने पर खर्च की गई राशि की गणना की व्याख्या करने का निर्देश दिया है। अब मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।
