Chandni Chowk Redevelopment: पिछली AAP सरकार के इस प्रोजेक्ट की भी होगी जांच, करोड़ों के घोटाले का आरोप
दिल्ली की पिछली AAP सरकार के इस प्रोजेक्ट की होगी जांच!
Chandni Chowk Redevelopment Project: दिल्ली की पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार के प्रोजेक्ट में एक बार फिर गड़बड़ियां पाई गई हैं। दिल्ली में चांदनी चौक के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में बड़ी गड़बड़ियों सामने आई हैं, जिनकी जांच कराई जा सकती है। दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की आंतरिक जांच में पता चला है कि इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 65 करोड़ रुपये थी, जो कि बढ़कर 145 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार इस प्रोजेक्ट की भी जांच कर सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि साल 2021 में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने चांदनी चौक के पुनर्विकसित 1.3 किमी लंबे हिस्से का उद्घाटन किया था। इस प्रोजेक्ट की जांच में पता चला कि बिजली और सिविल का काम 27 करोड़ का था, जो कि बढ़कर 105 करोड़ रुपये पहुंच गया। लेकिन इसके लिए दोबारा से कोई टेंडर जारी नहीं किया गया और कैबिनेट से मंजूरी भी नहीं ली गई। बता दें कि 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत वाले प्रोजेक्ट के लिए कैबिनेट से मंजूरी लेना जरूरी होता है।
अधिकारियों ने किए ये खुलासा
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया कि जब किसी प्रोजेक्ट की लागत उसके स्वीकृत बजट से ज्यादा हो जाती है, तो उसके लिए संशोधित मंजूरी लेनी होती है। हालांकि पीडब्ल्यूडी ने संशोधित मंजूरी लिए बिना ही स्वीकृत किए गए 99.68 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करता रहा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोप है कि पीडब्ल्यूडी ने कैबिनेट की जांच से बचने के लिए 145 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की जगह सिर्फ 40 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रारंभिक अनुमान पेश किया। जांच में यह भी पता चला कि परियोजना के लिए नया टेंडर जारी नहीं किया गया, बल्कि उसी ठेकेदार के जरिए प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया गया, जो कि मानदंडों के विपरीत है।
कुल 370 करोड़ रुपये का घोटाला
पीडब्ल्यूडी की आंतरिक रिपोर्ट में पाया गया कि प्रोजेक्ट के लिए कुल खर्च किए गए 145.72 करोड़ रुपये में से 70 करोड़ रुपये का इस्तेमाल एक्स्ट्रा आइटम्स के लिए किया गया, जो कि मूल दायरे में नहीं आते थे। रिपोर्ट के मुताबिक, परियोजना से जुड़ी कुल गड़बड़ियां 370 करोड़ रुपये से ज्यादा की थीं।
जनता के पैसे का दुरुपयोग
दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि चांदनी चौक रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट से पता चलता है कि किस तरह से नियमों को ताक पर रखकर और प्रक्रियाओं को नजरअंदाज करके जनता के पैसे का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 2019 में तत्कालीन प्रभारी मंत्री के कार्यकाल के दौरान लागत में बढ़ोतरी हुई, टेंडर पर ध्यान नहीं दिया गया और करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई। मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि उनके कार्यकाल में पीडब्ल्यूडी में गड़बड़ियां नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही होगी। जनता का हर पैसा जनता के काम आएगा।
आप ने खारिज किए आरोप
वहीं, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। 'आप' का कहना है कि पिछले 10 सालों से विजिलेंस और एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) उपराज्यपाल के अधीन थे। उपराज्यपाल का कर्तव्य था कि वे भ्रष्ट अधिकारियों सजा दिलवाएं। 'आप' ने बयान में कहा कि पुराने मामलों की जांच शुरू करना बीजेपी के उपराज्यपाल की अक्षमता को दर्शाता है।
