Fast Track Courts: दिल्ली में बनेंगे 53 फास्ट ट्रैक कोर्ट, महिलाओं-बच्चों को जल्दी मिलेगा न्याय

Delhi Fast Track Courts
X

दिल्ली में बनेंगे 53 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट।

Delhi Fast Track Courts: दिल्ली सरकार ने महिलाओं और बच्चों को न्याय दिलाने के लिए 53 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की योजना बनाई है। इसको लेकर सीएम रेखा गुप्ता ने जानकारी दी।

Delhi Fast Track Courts: दिल्ली सरकार ने महिलाओं और बच्चों को जल्दी न्याय दिलाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। राजधानी में 53 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट बनाए जाएंगे, जिससे महिलाओं-बच्चों के खिलाफ अपराधों से जुड़े मामलों का जल्द निपटारा होगा। सीएम रेखा गुप्ता की सरकार ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। इन अदालतों में बलात्कार और पॉक्सो जैसे गंभीर मामलों की सुनवाई की जाएगी, जिससे महिलाओं और बच्चों को जल्दी न्याय मिलेगा।

अभी के समय में दिल्ली के अंदर 16 फास्ट ट्रैक अदालतें अस्थायी रूप से काम कर रही हैं। इन अदालतों को स्थायी रूप से स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा 37 नए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट बनाए जाएंगे, जिससे कुल अदालतों की संख्या 53 हो जाएगी। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

हाईकोर्ट से ली गई सलाह

सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि फास्ट ट्रैक अदालतों के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। कानून विभाग ने इस पर दिल्ली हाईकोर्ट से भी सलाह ली, जिस पर कोर्ट ने 37 नई अदालतें बनाने की सिफारिश की। इसके साथ ही 16 अस्थायी अदालतों को स्थायी रूप से शुरू करने को कहा। दिल्ली सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।

सरकार ने सभी अदालतों के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा, जजों की नियुक्ति और स्टाफ की व्यवस्था की तैयारियों शुरू कर दी हैं। विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इन सभी अदालतों के लिए जल्द ही 53 नए जजों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

दिल्ली में 17,000 मामले लंबित

राजधानी दिल्ली में दूसरे शहरों की तुलना में महिलाओं और बच्चों के साथ ज्यादा अपराध होते हैं। इतना ही नहीं, कोर्ट में उन्हें न्याय के लिए सालों तक का लंबा इंतजार करना पड़ा है। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के अनुसार, राजधानी में अदालतों में महिलाओं और बच्चों से जुड़े 17,000 से ज्यादा मामले लंबित हैं। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि अदालतों में सुनवाई धीमी गति से हो रही है, जिसके कारण पीड़ित और उनके परिवारों को सालों तक न्याय का इंतजार करना पड़ता है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story