Delhi Govt: दिल्ली में अब महिलाएं नाइट शिफ्ट में कर सकेंगी काम, इन शर्तों के साथ मिली मंजूरी

दिल्ली सरकार ने महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की मंजूरी दी।
Delhi Govt Notification: राजधानी दिल्ली के अंदर अब महिलाएं भी दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में नाइट शिफ्ट में काम कर पाएंगी। इसको लेकर गुरुवार को दिल्ली सरकार की ओर से ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसमें कहा गया कि महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम पर रखने से पहले उनकी लिखित सहमति लेनी जरूरी होगी।
इस प्रस्ताव को इस साल की शुरुआत में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से मंजूरी मिल गई थी। अब इसे आधिकारिक तौर पर जारी कर दिया गया है। हालांकि सरकार ने महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने को लेकर कुछ शर्तें भी लगाई हैं।
सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी
दिल्ली सरकार ने श्रम नियमों में बदलावों को अधिसूचित किया है। इससे महिलाओं को शराब की दुकानों के अलावा अन्य सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी गई है। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि हर कर्मचारी ओवरटाइम के लिए दोगुने वेतन और हफ्ते में अधिकतम 48 घंटे की ड्यूटी का पात्र होगा। इसके अलावा सभी प्रतिष्ठान में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी का गठन करना जरूरी होगा।
ये शर्तें होंगी लागू
दिल्ली सरकार के श्रम विभाग की ओर से हाल ही में नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसमें महिलाओं को रोजगार देने और उनके रोजगार की शर्तों को लेकर दो नई प्रविष्टियां जोड़ी गई हैं। इसके तहत सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं।
- नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए महिला कर्मचारी की लिखित सहमति लेनी होगी।
- संस्थानों में महिलाओं की नाइट शिफ्ट लगाने के लिए इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (आईसीसी) का गठन करना जरूरी होगा।
- किसी भी कर्मचारी को किसी दिन 9 घंटे (भोजन और आराम सहित) और हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम नहीं कराया जाएगा।
- नाइट शिफ्ट वाली महिलाओं के लिए सुरक्षा और परिवहन की उचित व्यवस्था करना नियोक्ताओं की जिम्मेदारी होगी।
- इसके अलावा किसी भी कर्मचारी को लगातार 5 घंटे से ज्यादा काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- ओवरटाइम शिफ्ट का वेतन सामान्य दर से दोगुना होगा। साथ ही काम कराने की व्यवस्था ऐसी होगी कि किसी कर्मचारी को सिर्फ नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए मजबूर न किया जाए।
- सभी नियोक्ताओं को अपने वर्कप्लेस पर सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। साथ ही सीसीटीवी फुटेज को कम से कम 1 महीने तक संभालकर रखना होगा।
- राष्ट्रीय अवकाश पर काम कराने के बदले साप्ताहिक छुट्टियां, न्यूनतम वेतन, प्रोविडेंट फंड, बीमा और बोनस जैसे कानूनी लाभ देने होंगे।
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