दिल्ली सरकार का फैसला: 'सीसीटीवी' से निकलेगा AAP का नया घोटाला? 'केजरीवाल' को घेरने की तैयारी शुरू

technical audit of CCTV scheme
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दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल। 
दिल्ली सरकार ने अरविंद केजरीवाल की सरकार के दौरान लॉन्च की गई एक योजना की जांच कराने की तैयारी शुरू कर दी है। आगे विस्तार से पढ़िये पूरा मामला...

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से लॉन्च की गई एक योजना संदेह के दायरे में आ गई है। ऐसे में सीएम रेखा गुप्ता की सरकार ने सीसीटीवी योजना का तकनीकि ऑडिट कराने का फैसला लिया है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर सामने आई थी कि दिल्ली में लगे ज्यादातर सीसीटीवी खराब पड़े हैं। इसके अलावा भी कई अनियमितताएं पाई गई हैं। ऐसे में रेखा गुप्ता की सरकार ने सीसीटीवी योजना की खामियों की जांच करने के लिए टेक्निकल ऑडिट करने की तैयारी शुरू कर दी है।

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 2.64 लाख सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनमें से 32 हजार से ज्यादा सीसीटीवी खराब पड़े हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार के शासनकाल में 15000 सीसीटीवी कागजों पर तो मौजूद हैं, लेकिन असल में नहीं लग पाए। यही नहीं, एरिया वाइज सीसीटीवी की संख्या तय की थी, लेकिन कई इलाकों में इन कैमरों की संख्या काफी कम है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम रेखा गुप्ता की सरकार ने अब सीसीटीवी योजना का तकनीकी ऑडिट कराने की तैयारी शुरू कर दी है ताकि पता चल सके कि इस योजना में क्या खामियां पाई गई हैं। अगर पूर्व सरकार के स्तर पर धांधली पाई जाती है, तो निश्चित ही आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ना तय है।

सीसीटीवी को बताया था बड़ी उपलब्धि

अरविंद केजरीवाल की सरकार ने हमेशा से दिल्ली में कानून व्यवस्था बदहाल होने का आरोप लगाकर एलजी कार्यालय और केंद्र सरकार को घेरा। बार-बार मांग कि अगर दिल्ली पुलिस राज्य सरकार के अधीन काम करे तो राजधानी को क्राइम मुक्त कर देंगे। यही नहीं, केजरीवाल सरकार ने बस मार्शल तैनात करने, सीसीटीवी लगाने जैसे कई कदम उठाकर साबित करने का प्रयास किया कि अगर दिल्ली की पुलिस भी राज्य सरकार के अधीन आ जाए तो तस्वीर बदली जा सकती है। लेकिन, अब जिस तरह से सीसीटीवी की खराबियों को लेकर रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं और कई घालमेल के संकेत मिल रहे हैं, उसके चलते आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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