Delhi Artificial Rain: दिल्ली में कृत्रिम बारिश कब होगी? मनजिंदर सिरसा ने तारीख का कर दिया ऐलान

Artificial rain may be made in Delhi next month
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दिल्ली में अगले महीने कराई जा सकती है कृत्रिम बारिश।

Delhi Artificial Rain: दिल्ली में अगले महीने आर्टिफिशियल रेन कराने की योजना तैयार की गई है। मंत्री सिरसा ने बताया कि कृत्रिम बारिश के लिए उपयुक्त स्थिति बन रही है।

Artificial Rain In Delhi: दिल्ली सरकार अगले कुछ दिनों के अंदर राजधानी में कृत्रिम बारिश (Artificial Rain) कराने की तैयारी कर रही है। इसके लिए पहले ही भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ओर से हरी झंडी मिल गई थी। IMD ने दिल्ली सरकार को रिपोर्ट सौंपी है। इसको लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिरसा ने शनिवार को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार 4-11 जुलाई के बीच आर्टिफिशियल रेन कराने के लिए क्लाउड सीडिंग पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बना रही है।

IMD की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान मौसम अनुकूल रहेगा, जो इस प्रोजेक्ट के लिए बेहद जरूरी है। मंत्री सिरसा ने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को उड़ान का मैप शेयर किया गया, जो कि IIT कानपुर की सलाह से तैयार किया गया है। बता दें कि इस प्रोजेक्ट के तहत क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया के लिए कई विमानों का आसमान में भेजा जाएगा, जो बादलों में खास तरह के केमिकल का छिड़काव करेंगे।

इस दिन क्लाउड सीडिंग कराने की तैयारी
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री सिरसा ने बताया कि IMD की रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसमें 3 जुलाई तक क्लाउड सीडिंग के लिए उपयुक्त समय नहीं था। लेकिन 4 से 11 जुलाई के बीच क्लाउड सीडिंग कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विमानों के उड़ान का मैप DGCA को भेजा गया है, जिसके लिए मंजूरी मांगी गई है। मंत्री सिरसा ने बताया कि सरकार ने 4-11 जुलाई के बीच उड़ान के लिए समय की मंजूरी मांगी है।

क्लाउड सीडिंग के लिए कैसा मौसम चाहिए?
दिल्ली में आर्टिफिशियल रेन के प्रोजेक्ट को IIT कानपुर द्वारा ऑपरेट किया जा रहा है, जबकि इसका पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठा रही है। IIT कानपुर के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के लिए उपयुक्त नमी की जरूरत है। क्लाउड सीडिंग के लिए हवा में 50 फीसदी नमी होनी चाहिए, और निचले स्तर के बादलों की जरूरत है। इस प्रक्रिया के लिए निंबोस्ट्रेट्स बादल सबसे उपयुक्त होते हैं, जो जमीन से 500 मीटर से लेकर 6000 मीटर की ऊंचाई पर होते हैं। आर्टिफिशियल रेन कराने के लिए बादलों में खास तरह का केमिकल डाला जाता है।

जानकारी के मुताबिक, IIT कानपुर के द्वारा तैयार केमिकल में सिल्वर आयोडाइड, आयोडीन युक्त नमक, सेंधा नमक और एक फ्री-फ्लोइंग एजेंट शामिल है। ये केमिकल नमी युक्त बादलों में बारिश की बूंदों के निर्माण को बढ़ावा देता है।

3.21 करोड़ रुपए होंगे खर्च
बता दें कि दिल्ली सरकार ने क्लाउड सीडिंग के 5 टेस्ट की योजना बनाई है। इसके तहत उत्तर-पश्चिम और बाहरी दिल्ली वाले क्षेत्रों में विमान उड़ान भरेंगे। हर एक विमान करीब 90 मिनट के लिए उड़ान भरेगा, जो 100 किमी स्क्वायर के एरिया को कवर करेगा। इस पायलट प्रोजेक्ट पर कुल 3.21 करोड़ रुपए की लागत आएगी। मंत्री सिरसा ने बताया कि सभी NOC और अनुमतियां ले ली गई हैं। अब सिर्फ DGCA से मंजूरी मिलनी बाकी है। इसके मिलते ही प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाएगा।

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