Pragati Maidan Tunnel Underpass: दिल्ली से मयूर विहार-नोएडा के रास्ते मिलेगी जाम से राहत, प्रगति मैदान अंडरपास जल्द बनेगा

प्रगति मैदान अंडरपास-5
Delhi Pragati Maidan Underpass-5 Project: नई दिल्ली से ईस्ट दिल्ली, मयूर विहार और नोएडा जाने के लिए रिंग रोड और भैरो मार्ग जंक्शन पर अंडरपास बनाया जा रहा था। कई कारणों से पिछले दो सालों से उस अंडरपास-5 का काम बंद कर दिया गया था। इसके कारण वो आधा-अधूरा पड़ा हुआ था। हालांकि अब उसका निर्माण कार्य फिर से शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि अंडरपास निर्माण के लिए 110 मीटर टनलिंग का काम करना था। इसमें से 90 मीटर टनलिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है और इसमें से 20 मीटर टनलिंग का काम पेंडिंग है।
दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद दोबारा काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है। PWD की तरफ से नई दिल्ली से नोएडा की तरफ जाने के लिए रिंग रोड-भैरो मार्ग जंक्शन पर तीन लेन चौड़ा अंडरपास-5 डिजाइन किया गया था। मथुरा रोड पर अंडरपास और मेन टनल बनने के बाद जनवरी 2021 में इस अंडरपास को बनाने के लिए बॉक्स पुशिंग का काम शुरू किया गया था।
शुरुआत में तो ये काम बेहतर रहा और 45 दिन के अंदर की 23.3 मीटर टनल बनाने का काम पूरा हो गया। रोजाना 0.52 मीटर टनलिंग का काम किय जा रहा था। इसके बाद 4 मार्च 2021 से 13 सितंबर 2021 के बीच 194 केवल 20 मीटर टनल का निर्माण किया गया। रेलवे पटरियों के लिए जो बांध बनाई गई थी, वो भारी मशीनों और उससे होने वाले कंपन के कारण गिरने लगीं। इसलिए 14 सितंबर 2021 से 24 जनवरी 2022 तक लगभग 131 दिनों के लिए टनल का निर्माण कार्य बंद करना पड़ा।
24 जनवरी, 2022 के बाद एक बार फिर बॉक्स पुशिंग का काम शुरू हुआ और 13 अक्टूबर तक चला। इस अवधि में 28.36 मीटर टनल निर्माण का काम पूरा हुआ। इसी तरह कई बार काम शुरू और बंद किया गया। जून 2023 के बाद से अब तक अंडरपास निर्माण का काम पूरी तरह से बंद है।
सूत्रों की मानें तो अब अंडरपास -5 के बचे हुए 20 मीटर टनल का काम दोबारा शुरू किया जाएगा। बॉक्स पुशिंग मशीनों के चलते रेलवे की पटरियों और बांध को नुकसान हो रहा था, जो इस टनल निर्माण के लिए अहम समस्या बन रहा था। इसके कारण PWD ने रेलवे पटरियों को शिफ्ट करने की मांग की थी। साथ ही इस रूट पर 40 दिनों तक परिचालन बंद करने की मांग की थी। हालांकि रेलवे ने PWD की इस मांग को खारिज कर दिया था।
इसके बाद PWD ने इसका ऑप्शन निकालने के लिए IIT दिल्ली और IIT मुंबई से इस अंडरपास के लिए स्टडी कराई। इस पर दोनों संस्थानों के एक्सपर्ट्स ने सुझाव दिया कि रिंग रोड की तरफ कास्ट-इन-सेतू मेथड से बाकी की 20 मीटर टनलिंग का काम पूरा किया जा सकता है। इस मेथड से अंडरपास की ऊंचाई 11.5 मीटर से कम होकर 6.25 मीटर रह जाएगी।
कहा जा रहा है कि अगर कास्ट-इन-सेतू मेथड से अंडरपास बनाया जाता है, तो केवल दो लेन में ही हल्के वाहनों के आने-जाने की परमिशन दी जाएगी।
