Durga Temples: दिल्ली के इन मंदिरों में लें मां का आशीर्वाद, नवरात्रि में लगती है भक्तों की लंबी कतार

Delhi Ke Famous Durga Temple
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दिल्ली के फेमस दुर्गा मां के मंदिर

नवरात्रि के दौरान लोग मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दौरान बहुत से भक्त माता के मंदिरों में जाकर दर्शन करते हैं। अगर आप भी मां के दर्शन करना चाहते हैं, तो आप दिल्ली के कुछ प्रसिद्ध मंदिर जा सकते हैं।

Dugra Mata Temples In Delhi: आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। इन नौ दिनों में चारों तरफ भक्तों की चहल-पहल और भजन-कीर्तन होते दिखाई देते हैं। दिल्ली में कई पुराने शक्तिपीठ और माता के पुराने मंदिर मौजूद हैं, जहां पर आस्था और श्रद्धा के कारण भक्तों की लम्बी लाइन लगी रहती है। लोग दूर-दूर से माता के इन मंदिरों में अपनी मनोकामना लेकर दर्शन करते आते हैं।

कई ऐसे मंदिर हैं, जहां पर मेले का आयोजन भी किया जाता है। ये मंदिर केवल पूजा की जगह नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति की पहचान हैं। दुर्गा पूजा के समय पर इन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है। इन दिनों हर व्यक्ति दुर्गा मां की आस्था में डूबा रहता है। आज हम दिल्ली के फेमस दुर्गा मां के मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां भक्तों की लंबी कतार लगती है। वैसे तो इन मंदिरों में रोज ही भक्तों की भीड़ लगी होती है परन्तु नवरात्रि के दिनों में कुछ ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। चलिए जानते हैं दिल्ली के इन प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जो अद्भुत रहस्य के लिए भी जाने जाते हैं।

झंडेवालान मंदिर (Jhandewalan temple)


झंडेवालान मंदिर दिल्ली के प्राचीन मंदिरों में से एक है। यह दिल्ली के करोल बाग में अरावली की पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है। कहा जाता है कि पहले यहां पर एक घना जंगल हुआ करता था। कहते हैं कि बद्री नाम के एक भक्त को माता दुर्गा ने सपने में दर्शन देकर अपनी मूर्ति के स्थान के बारे में बताया था। जब वहां पर खुदाई की गई, तो वहां माता रानी की एक मूर्ति निकली। इसके कारण उसी स्थान पर बाद में मंदिर बनवाया गया, इस मंदिर के ऊपर एक बड़ा झंडा लगाया गया है। आज वही मंदिर झंडेवालान के नाम से फेमस है। इस मंदिर से जुड़ी कुछ पौराणिक मान्यताएं हैं, जिसके अनुसार इस मंदिर वाली जगह पर माता सती की जीभ गिरी थी।

कालकाजी मंदिर (kalkaji Temple)


कालकाजी मंदिर हिंदू देवी मां काली को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो दिल्ली के कालकाजी इलाके में स्थित है। यह मंदिर 3000 साल पुराना बताया जाता है। कहते हैं यहां पर भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों के साथ मिलकर मां काली की पूजा की थी। ऐसी मान्यता है कि इस जगह पर मां काली स्वयं प्रकट हुई थीं। इतिहास के अनुसार 1764 में इस मंदिर का निर्माण मराठाओं ने करवाया था और साल1816 में राजा केदारनाथ ने इसका पुनर्निर्माण करवाया था। इस मंदिर को मनोकामना सिद्ध पीठ के रूप में भी जाना जाता है। यहां पर मां काली की पूजा करने वाले भक्तों की हमेशा लाइन लगी रहता है।

छतरपुर मंदिर (Chhatarpur Temple)


छतरपुर मंदिर दक्षिण दिल्ली के छतरपुर इलाके में श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ के नाम से मौजूद है। यह मंदिर देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक मां कात्यायनी को समर्पित है और ये भारत का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर परिसर है। इसकी स्थापना बाबा नागपाल द्वारा की गई थी, जो देवी कात्यायनी को अपनी बेटी मानते थे। उन्हीं देवी के नाम पर नागपाल जी ने ये मंदिर बनवाया था। नवरात्रि के दिनों में यहां पर भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है।

गुफा मंदिर (Gufa Temple)


गुफा मंदिर दिल्ली के प्रीत विहार इलाके में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह माता वैष्णो देवी को समर्पित है। यहां पर माता एक गुफा में पिंडी के रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर में माता के साथ-साथ 12 ज्योतिर्लिंगों और 111 शिवलिंगों के दर्शन होते हैं। इस मंदिर को कटरा में स्थित माता वैष्णो देवी के मंदिर की तरह गुफा का आकार दिया गया है। इस गुफा से बाहर निकलने पर भैरव बाबा के दर्शन भी होते हैं। कहते हैं कि इस मंदिर में साल 1997 से लगातार अखंड ज्योत जल रही है, जिसकी शुरुआत ज्वाला मंदिर से लाई गई ज्योत से ही की गई थी। यहां पर माता के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है।

योगमाया मंदिर (Yogmaya Temple)


दिल्ली के महरौली में स्थित योगमाया मंदिर भगवान श्रीकृष्ण की बहन देवी योगमाया को समर्पित है। पौराणिक मान्यता है कि योगमाया भगवान की मायावी शक्ति हैं। यह दिल्ली के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। नवरात्री के दौरान यहां पर हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं।

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