शिक्षा पर मनमानी स्वीकार्य नहीं: दिल्ली के निजी स्कूलों को शिक्षा मंत्री की दो टूक, कहा- अभिभावक डिसाइड करेंगे

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद
दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस बिल 2025 के दिल्ली विधानसभा में पारित होने के बाद अब शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इनके प्रावधानों पर प्रकाश डाला है। साथ ही, अभिभावकों की चिंताओं को भी दूर किया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक जहां स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाएगा, वहीं बेलगाम फीस बढ़ोतरी से होने वाली परेशानियों से भी अभिभावक मुक्त हो जाएंगे।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद शुक्रवार को जनकपुरी में टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस बिल 2025 के प्रावधानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह विधेयक फीस निर्धारण में पादर्शिता लाने, अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने और फीस बढ़ोतरी पर वीटो शक्ति देने वाला है। उन्होंने इस विधेयक को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह विधेयक 18 लाख अभिभावकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
विधेयक से खत्म होगी निजी स्कूलों की मनमानी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस विधेयक के पास होने से अब निजी स्कूल मनमानी तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। फीस तय करने के लिए स्कूलों को लोकेशन, सुविधाएं और शिक्षण स्तर व खर्च इत्यादि का ब्यौरा प्रस्तुत करना होगा। अनुमति लेनी होगी और अनमुति के आधार पर ही फीस बढ़ाई जा सकेगी। अगर अनुमति नहीं ली और फीस बढ़ा दी तो एक लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
नए कानून के तहत अगर कोई विधायक अतिरिक्त वसूली को वापस करने में देरी करता है तो जुर्माना की राशि दोगुना कर दी जाएगी। अगर कोई स्कूल बार बार ऐसी गलती करता है, तो उसकी मान्यता रद्द की जा सकती है। इसके अलावा, ऐसे लापरवाही स्कूल प्रबंधनों से स्कूल संचालन की जिम्मेदारी लेकर दिल्ली स्कूल इसके संचालन की जिम्मेदारी संभाल सकती है।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने यह भी स्पष्ट किया कि इस विधेयक में ऑडिट के सख्त नियम है। अभिभावकों को फीस बढ़ोतरी के मामले में वीटो पावर देता है। अगर माता पिता को लगता है कि फीस ज्यादा बढ़ाई जा रही है, तो आपत्ति के अनुरूप फीस बढ़ोतरी को रोका जा सकता है।
