Delhi Water Issue: NGT ने हरियाणा सरकार को लगाई फटकार, नाले का जहर पेयजल सप्लाई में मिलने पर सख्ती

दिल्ली में पीने के पानी की समस्या।
Delhi Water Issue: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून ने दिल्ली की पेयजल आपूर्ति पर सवाल उठाया है। NGT की तरफ से कहा गया कि दिल्ली में पेयजल एक बड़ी समस्या है। ऐसे में अब हरियाणा से आने वाला गंदा पानी सीधे दिल्लीवासियों के पेयजल वाले हिस्से में पहुंच गया है। हरियाणा का डायवर्जन ड्रेन नंबर-6 (DD-6) असल में सीवेज-इंडस्ट्रियल कचरा ढोने वाला नाला बन गया है।
जानकारी के अनुसार, हरियाणा का डायवर्जन ड्रेन नंबर-6 असल में सीवेज और इंडस्ट्रियल कचरा ढोने वाला नाला बन गया है। इसमें रोजाना 51 मिलियन लीटर से ज्यादा गंदा पानी बह रहा है। ये जहरीला पानी DD-8 में मिल रहा है। ये ड्रेन साफ पानी का नाला है, जो आगे जाकर दिल्ली की पेयजल सप्लाई में इस्तेमाल होता है।
बता दें कि दोनों नालों के बीच की बांध दीवार टूट गई है। इसके कारण DD-6 का पूरा गंदा पानी DD-8 में घुस रहा था। हरियाणा सरकार ने कोर्ट को बताया था कि दीवार में दरार पड़ गई है लेकिन NGT को ये जवाब पसंद नहीं आई। मार्च 2024 में भी NGT ने हरियाणा को 12 महीने के अंदर DD-6 और DD-8 की सफाई कराने का निर्देश दिया था। साथ ही इस समस्या को लंबे समय तक समाधान करने का सख्त आदेश दिया था। एक साल बीतने के बावजूद के बाद भी ये काम अधर में अटका हुआ है। जुलाई में बुराड़ी के पास यमुना में हजारों मछलियां एक साथ मर गई थीं। इसके कारण इंडस्ट्रियल केमिकल और अनट्रीटेड सीवेज है।
जानकारी के अनुसार, हरियाणा में 67 MLD के STP और 46.2 MLD के CETP बने हैं। लेकिन जमीन पर काम बेहद खराब स्थिति में है। गोहाना और खरखौदा के तीन STP से 15.8 MLD गंदा पानी सीधे DD-8 में गिर रहा है। इसके लिए NGT ने हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई के लिए 20 फरवरी 2026 को निर्धारित की गई है।
