Delhi-Dehradun Expressway: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की डेडलाइन बढ़ी, जानिए कब से फर्राटा भरेंगे वाहन?

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की डेडलाइन बढ़ी।
Delhi-Dehradun Expressway: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से देहरादून तक बनाया जा रहा 210 किमी लंबा एक्सप्रेसवे अभी वाहनों की आवाजाही के लिए नहीं खुलेगा। अब इस एक्सप्रेसवे के चालू होने की डेडलाइन बढ़ा दी गई है यानी कि वाहन चालकों को अभी और इंतजार करना होगा। जानकारी के मुताबिक, अब दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को फरवरी, 2026 में वाहनों के लिए खोला जाएगा।
बता दें कि जुलाई में राज्यसभा में दिए गए एक उत्तर में सरकार की ओर से कहा गया था कि अक्टूबर, 2025 में इस एक्सप्रेसवे को खोल दिया जाएगा। अब एक बार फिर से इसकी नई डेडलाइन तय की गई है। बताया जा रहा है कि इस परियोजना का उद्घाटन सभी चरणों का काम पूरा होने के बाद ही किए जाने की संभावना है। जानिए कितना काम हुआ पूरा...
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की खासियत
दिल्ली से लेकर देहरादून तक 210 किमी लंबा एक्सप्रेसवे तैयार किया जा रहा है। इसकी कुल लागत करीब 11,869 करोड़ रुपये है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली से देहरादून की दूरी ढाई से तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी, जबकि अभी इस दूरी को तय करने में लगभग 6 घंटे का समय लग जाता है।
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होगा, जो उत्तर प्रदेश के बागपत, बड़ौत, शामली और सहारनपुर से होता हुआ उत्तराखंड के देहरादून तक जाएगा। इससे उत्तर भारत में कनेक्टिविटी बढ़ेगी। शुरुआत में इस एक्सप्रेसवे को पूरा करने की डेडलाइन दिसंबर, 2024 रखी गई थी।
4 फेज में हो रहा काम
पहला सेक्शन: एक्सप्रेसवे का पहला खंड पूरा हो चुका है। इसमें अक्षरधाम से लेकर होकर गीता कॉलोनी, शास्त्री पार्क, गाजियाबाद का मंडोला विहार और बागपत का खेकड़ा तक का हिस्सा शामिल है। इसका काम लगभग 6 महीने पहले ही पूरा हो गया है।
दूसरा सेक्शन: एक्सप्रेसवे का दूसरे सेक्शन बागपत से सहारनपुर तक है, जो लगभग पूरा हो चुका है। इस सेक्शन पर सिर्फ हिस्सों में फिनिशिंग का काम चल रहा है।
तीसरा सेक्शन: इस फेज में सहारनपुर बाईपास से गणेशपुर तक पुराने हिस्से को चौड़ा किया जा रहा है। अभी इसका काम चल रहा है।
चौथा सेक्शन: इस फेज के तहत देहरादून के पास एलिवेटेड सेक्शन पर सेफ्टी और फिनिशिंग काम चल रहा है।
एशिया का सबसे लंबा 'ग्रीन कॉरिडोर'
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें 12 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर है। ये कॉरिडोर राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरता है। यह एशिया का सबसे लंबा एलिवेटेड सेक्शन होगा, जिसे पर्यावरण के अनुकूल तैयार किया जा रहा है। इस कॉरिडोर में 6 एनिमल अंडरपास बनाए जा रहे हैं, जिससे वन्यजीवों की आवाजाही में कोई समस्या न हो। इसके अलावा इस एक्सप्रेसवे में 100 से ज्यादा अंडरपास, 5 रेलवे ओवरब्रिज, और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, हरिद्वार और रुड़की को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों से सीधा संपर्क शामिल है।
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