दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे अपडेट: ढाई घंटे में पूरा होगा सफर, साउंडप्रूफ एलिवेटेड कॉरिडोर करीब 3 महीने में होगा शुरू

Soundproof corridor Delhi Dehradun Expressway
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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का साउंडप्रूफ कॉरिडोर।

Delhi-Dehradun Expressway: दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। 3 महीने के अंदर इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने की उम्मीद है। इसके बाद 2.5 घंटे में देहरादून पहुंचा जा सकेगा।

Delhi Dehradun Expressway: लंबे समय से दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य चल रहा है। लोग काफी समय से इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि जल्द ही इंतजार की घड़ी खत्म होने वाली है। गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया। उन्होंने इस 210 किलोमीटर लंबी परियोजना का निरीक्षण कर काम को लेकर संतोष जताया।

'2-3 महीने में पूरा हो जाएगा काम'

मंत्री ने कहा कि इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से दिल्ली के अलग-अलग इलाकों पर ट्रैफिक दबाव कम होगा। ये एक्सप्रेसवे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे समेत अन्य मेन रास्तों के बोझ को कम करने में मददगार साबित होगा। इस निर्माण से जुड़ी चुनौतियों को खत्म करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। उम्मीद है कि इस परियोजना को तय समय सीमा में पूरा कर लिया जाएगा। एक्सप्रेसवे पर अभी काम चल रहा है, जिसे आगामी 2-3 महीनों में पूरा किए जाने की उम्मीद है।

2.5 घंटे में पूरा होगा सफर

बता दें कि दिल्ली-देहरादून आधुनिक एक्सप्रेसवे अक्षरधाम मंदिर से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली और सहारनपुर होते हुए उत्तराखंड की राजधानी देहरादून तक जाएगा। इसे बनाने में लगभग 12,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी। वर्तमान समय में देहरादून पहुंचने में 6 से 7 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस एक्प्रेसवे के बन जाने के बाद ये सफर मात्र 2.5 घंटे का रह जाएगा।

चारधाम से जोड़ने के लिए अलग रास्ता
इस परियोजना में हरिद्वार जाने के लिए एक अलग से रोड दिया गया है। इस रोड को चारधाम मार्ग से जोड़ा जाएगा। इसकी मदद से उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौजूद हिल स्टेशनों और धार्मिक स्थलों तक पहुंचना और भी आसान हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे पर मैक्सिमम स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है।

साउंडप्रूफ कॉरिडोर से नहीं होगी जानवरों को परेशानी
जानकारी के अनुसार, इस परियोजना में राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के अंदर एशिया का सबसे लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जा रहा है। 12 किलोमीटर का एलिवेटेड कॉरिडोर होगा, जिसे पर्यावरणीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये कॉरिडोर साउंडप्रूफ होगा, जिससे जंगल में रहने वाले वन्यजीवों को भी परेशानी नहीं होगी। साथ ही सफर करने वाले यात्रियों को भी जंगली जानवरों से डरने की जरूरत नहीं होगी। ये परियोजना उत्तर भारत की कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। साथ ही तीर्थस्थानों, आर्थिक विकास को भी रफ्तार मिलेगी।

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