VVIP Chopper Deal Case: दिल्ली कोर्ट ने मिशेल जेम्स की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा, 10 सितंबर को सुनवाई

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वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी मिशेल जेम्स।

VVIP Chopper Deal Case: वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने आरोपी मिशेल जेम्स की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।

VVIP Chopper Deal Case: अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की हिरासत से रिहाई की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 सितंबर की तारीख तय की है। बुधवार को कोर्ट में सुनवाई के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान आरोपी से सवाल किया गया कि वह गांधी परिवार के संपर्क में थे, तो उस पर मिशेल जेम्स ने जवाब दिया बिल्कुल नहीं। इसके साथ ही मिशेल ने बताया कि भारत में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। भ्रष्टाचार इटली में हुआ।

इससे पहले मंगलवार को भी दिल्ली के कोर्ट में इसी मामले पर सुनवाई हुई थी, जिसमें ईडी और सीबीआई ने रिहाई की याचिका का विरोध किया। ईडी ने मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जस्टिस संजय जिंदल के कोर्ट में लंबित याचिका के विरोध में अपना जवाब दाखिल किया। ईडी ने आरोपी मिशेल जेम्स की याचिका को भ्रामक और निराधार बताया। साथ ही कोर्ट से याचिका को खारिज करने की मांग की।

2018 में गिरफ्तार हुए थे मिशेल जेम्स

ईडी ने कोर्ट में बताया कि 22 दिसंबर 2018 को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मिशेल जेम्स को गिरफ्तार किया गया था। उसे दुबई से प्रयर्पण संधि के माध्यम से भारत लाया गया था। ईडी ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के साथ 'प्रत्यर्पण संधि' का अनुच्छेद-17 न केवल उन अपराधों के लिए मुकदमे की अनुमति देता है, जिनके लिए प्रत्यर्पण की मांग की जाती है, बल्कि इससे जुड़े अपराधों के लिए भी मुकदमा चलाने की अनुमति देता है। ईडी का कहना है कि मिशेल जेम्स पर सीआरपीसी की धारा 436-ए के तहत रिहाई का प्रवाधान लागू नहीं होता है।

वहीं, 4 अगस्त को मिशेल जेम्स ने अपने वकील के जरिए कोर्ट में बताया था कि दुबई से भारत प्रत्यर्पित करने से जुड़े अपराधों के लिए निर्धारित सजा की अवधि काट चुका है। ऐसे में उसने कोर्ट में रिहाई की मांग की।

सीबीआई और ईडी कर रहे जांच

ब्रिटिश नागरिक मिशेल जेम्स को 4 दिंसबर 2018 को भारत लाया गया था, जिसके बाद सीबीआई ने उसे गिरफ्तार किया था। इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने भी मिशेल जेम्स को गिरफ्तार कर लिया था। ईडी की ओर से पेश वकील ने कहा कि प्रत्यर्पण की शर्त ईडी के मामले पर लागू नहीं होती है, क्योंकि सीबीआई के बाद ईडी ने जेम्स को गिरफ्तार किया था।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से जुड़े 3,600 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा है। साल 2010 में तत्कालीन सरकार ने इतालवी रक्षा कंपनी फिनमेकेनिका से 12 अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर के लिए 3,600 करोड़ रुपये में सौदा तय किया था। आरोप है कि इस डील के लिए बिचौलियों और कुछ राजनेताओं को रिश्वत दी गई थी। साल 2012 में हेलीकॉप्टर घोटाला का मामला सामने आया, जिसमें पता चला कि कई राजनेताओं और नौकरशाहों ने कथितस तौर पर सौदे को प्रभावित करने के लिए रिश्वत ली। इसके बाद साल 2014 में भारत सरकार ने हेलीकॉप्टर के सौदे को रद्द कर दिया था।

इसी मामले में मिशेल जेम्स को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि जेम्स उन तीन बिचौलियों में से एक हैं, जिन्हें अगस्ता वेस्टलैंड ने अधिकारियों को प्रभावित करके कंपनी के पक्ष में डील तय करने के लिए रखा था। सीबीआई का दावा है कि इसके लिए मिशेल जेम्स की कंपनियों को लगभग 42.27 मिलियन यूरो (करीब 2,128 करोड़ रुपये) मिले थे।

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