Alka Lamba: कांग्रेस नेता अलका लांबा की बढ़ी मुश्किलें, प्रशासन से बदसलूकी के मामले में आरोप तय

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अलका लांबा की बढ़ी मुश्किलें 

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में कांग्रेस नेता अलका लांबा के खिलाफ आरोप तय हुए हैं। उन पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और पुलिस से बदसलूकी करने के आरोप लगे हैं। जानिए पूरा मामला?

Alka Lamba: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में कांग्रेस नेता अलका लांबा के खिलाफ आरोप तय हुए हैं। मामला जंतर मंतर पर महिला आरक्षण पर प्रदर्शन से जुड़ा है, जो कि उग्र हो गया था। कोर्ट ने माना है कि प्रदर्शन के दौरान प्रशासन के लोगों को बाधा पहुंचाई गई। साथ ही, निषेधाज्ञा का भी उल्लंघन किया गया।

क्या था पूरा मामला?

मामला 29 जुलाई साल 2024 का है। उस दिन जंतर-मंतर क्षेत्र में निषेधाज्ञा की धारा लागू थी। उन्हें संसद घेरने की अनुमति नहीं मिली थी। लेकिन कांग्रेस नेता अलका लांबा ने प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, अलका लांबा ने पुलिस कर्मियों को धक्का दिया था। बैरिकेड्स पार किए और दूसरे लोगों को भी आगे बढ़ने और कानून का उल्लंघन करने के लिए उकसाया था। इस वजह से सड़क पर अवरोध पैदा हुआ और जनता को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस नेता के खिलाफ सबूत पेश किए

कोर्ट में उन वीडियो को पेश किया गया, जिसमें अलका लांबा पुलिसकर्मियों को धक्का देती नजर आ रही हैं। वीडियो में देखा गया कि किस प्रकार से बैरिकेड्स को कूदा और अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए उकसाया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अश्वनी पवार ने कहा कि सबूत गंभीर शक पैदा करते हैं। इसलिए मुकदमा चलाया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि सबूत की जांच ट्रायल के वक्त होगी।

कोर्ट ने खारिज की बचाव की दलील

कोर्ट ने भारतीय न्याय संहिता संबंधित धाराओं तहत आरोप तय किए हैं, जिनके तहत सार्वजनिक सेवक को ड्यूटी से रोकने के लिए बल का प्रयोग करना और प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश की अवज्ञा करना। इसके अलावा कोर्ट ने अलका लांबा की बरी होने की अर्जी को खारिज कर दिया है।

वहीं इस मामले में बचाव पक्ष ने दलील पेश करते हुए कहा कि प्रदर्शन बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके और तय क्षेत्र में ही किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि साथ ही इस मामले का कोई स्वतंत्र गवाह और चोट के कोई सबूत नहीं हैं और जो वीडियो में दिखाया जा रहा है, उससे कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा है। लेकिन, कोर्ट ने बचाव पक्ष की इन तमाम दलीलों को खारिज कर दिया।

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