Delhi Govt: दिल्ली में एक्साइज-ईवी पॉलिसी बनाने की कवायद तेज, हाई-लेवल कमेटियों का गठन
दिल्ली में एक्साइज-ईवी पॉलिसी बनाने 2 कमेटियां का गठन।
Delhi Govt: राजधानी दिल्ली में बीजेपी की नई सरकार बनने के बाद भी पिछली सरकार की बनाई गई दो नीतियां अभी भी लागू हैं। इन नीतियों को बदलने की योजना बनाई गई थी, लेकिन तय समय सीमा के अंदर नीति नहीं बन पाई। इनमें शराब नीति और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की पॉलिसी शामिल है। इन दोनों नीतियों को तैयार करने के लिए दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने दो वरिष्ठ मंत्रियों के नेतृत्व में अलग-अलग कमेटियों का गठन किया है।
ये दोनों कमेटी आबकारी और ईवी पॉलिसी को तैयार करने के लिए अपने सुझाव देंगी। दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री प्रवेश वर्मा के नेतृत्व में समिति का गठन किया है, जबकि ईवी पॉलिसी के लिए कैबिनेट मंत्री आशीष सूद की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है।
सीएम रेखा गुप्ता ने दी जानकारी
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट करके इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, 'हमारी सरकार दिल्लीवासियों के प्रति समर्पित हैं और जनहित में लगातार निर्णय ले रही है।' सीएम रेखा गुप्ता ने आगे लिखा कि इसी सोच के तहत यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है।'
एक्साइज और ईवी पॉलिसी को दिया गया विस्तार
दिल्ली की बीजेपी सरकार ने आबकारी नीति और ईवी पॉलिसी को विस्तार दिया है। अब ये दोनों नीतियों 31 मार्च, 2026 तक लागू रहेंगी। यह नीतियां दिल्ली की पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा बनाई गई थी। अब बीजेपी सरकार इन नीतियों में बदलाव करना चाहती है। सरकार का मकसद है कि दिल्ली के लोगों को ज्यादा लाभ पहुंचाने वाली नीति का निर्माण करके लागू किया जाए। इसके लिए सरकार ने अगले साल मार्च तक इन दोनों नीतियों को तैयार करने का लक्ष्य रखा है।
इस वजह से किया जाएगा बदलाव
दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति को साल 2023-24 और 2024-25 में जारी रखा गया था। उसी नीति को बीजेपी सरकार ने साल 2025-26 में 31 मार्च, 2026 तक के लिए बढ़ा दिया है। बता दें कि पिछली 'आप' सरकार शराब नीति घोटाले के मामले में फंस गई थी। इसे ध्यान में रखते हुए बीजेपी सरकार किसी विवाद में नहीं फंसना चाहती है। वहीं, मौजूदा ईवी पॉलिसी को भी दिल्ली सरकार ने अगले साल 31 मार्च तक के बढ़ा दिया था। इस नीति के ड्राफ्ट पर फिर से विचार किया जाएगा, जिसके बाद अगले साल लागू किया जाएगा।
