Delhi Blast: डॉक्टर 'हत्यारे' न बनें... दिल्ली ब्लास्ट के बाद इस मेडिकल कॉलेज ने लिया अहम फैसला

डॉ. उमर ने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से की एमबीबीएस की पढ़ाई।
दिल्ली ब्लास्ट मामले में डॉ. उमर मोहम्मद का नाम सामने आने के बाद श्रीनगर की गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मचा है। दरअसल, डॉ. उमर मोहम्मद ने यहीं से एमबीबीएस कर रेजिडेंट डॉक्टर की डिग्री हासिल की थी। बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में अव्वल रहने वाले उमर ने आतंकियों का साथ कब पकड़ लिया, परिजनों को भी भनक तक नहीं लगी। दिल्ली ब्लास्ट के बाद अब श्रीनगर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ने अहम फैसला लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर की तरफ से आदेश जारी कर कहा है कि मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ और स्टूडेंट्स को 14 नवंबर तक अपने लॉकर पर नाम, पद और कोड इत्यादि का उल्लेख करना होगा। 14 नवंबर के बाद निरीक्षण अभियान चलाया जाएगा। जो भी इन नियमों का पालन नहीं करेगा, उसके लॉकरों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाएगा। प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना हैंडओवर के एलपीसी/एनओसी नहीं दी जाएगी।
वहीं, एक स्थानीय पत्रकार ने बताया कि एक लॉकर से AK-47 बरामद हुई है। संदिग्ध डॉक्टरों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के अलावा, एसएमएचएस अस्पताल श्रीनगर और जीएमसी अनंतनाग में भी ऐसे ही निर्देश जारी किए गए हैं।

डॉ. उमर हमेशा से पढ़ाई में था अव्वल
दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया कि लाल किले के पास जिस कार में विस्फोट हुआ, वह उमर के पास थी। बताया जा रहा है कि इस ब्लास्ट में वो भी मारा गया है। मीडिया से बातचीत में उमर के परिजनों ने बताया कि उसका जन्म 24 फरवरी 1989 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के कोईल गांव में हुआ था। वो बचपन से पढ़ाई में अव्वल था। 2010 के आसपास उसने श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स के लिए एडमिशन लिया।
2015 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद रेजिडेंट डॉक्टर बन गया। इसके बाद अनंतनाग के जीएमसी में भी काम किया। 2023 के आसपास फरीदाबाद शिफ्ट हो गया। परिजनों का कहना है कि उसे पता ही नहीं चला कि वो कब आतंक की राह पर मुड़ गया।
इन सवालों का जवाब मिलना बाकी
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, डॉ. उमर की कार तीन घंटे तक लाल किला परिसर में खड़ी थी। उसकी कार दोपहर 3.19 बजे पार्किंग क्षेत्र में दाखिल होते दिखाई देती है। शाम 6.22 बजे कार बाहर निकलती है। जांचकर्ता पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि इन तीन घंटों में क्या गतिविधियां हुई हैं। सबसे अहम सवाल यह है कि इन तीन घंटों में डॉ. उमर कहां थे? किस व्यक्ति से मिले? तीन घंटे इंतजार करने की वजह क्या? क्या विस्फोटक आने का इंतजार हो रहा था? इसके अलावा भी कई सवाल हैं, जिसके जवाब जानने का प्रयास किया जा रहा है।
