Delhi Blast: दिल्ली धमाके का 7वां आरोपी गिरफ्तार, हत्थे चढ़ा उमर का साथी शोएब

Delhi Blast 7th Accused Shoaib Arrested
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दिल्ली ब्लास्ट का 7वां आरोपी शोएब गिरफ्तार।

Delhi Blast: दिल्ली धमाका मामले में जांच एजेंसियों ने सातवें आरोपी शोएब को गिरफ्तार किया है। वो अल-फलाह में एक वार्ड बॉय के तौर पर काम करता था।

Delhi Blast: दिल्ली धमाका मामले की जांच तेज हो गई है। पुलिस अब तक 250 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है। वहीं अब तक लगभग 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं पुलिस ने अब सातवें आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने सुसाइड बॉम्बर आतंकी डॉ. उमर नबी के साथी शोएब को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार, शोएब फरीदाबाद के धौज गांव का रहने वाला है। वो अल-फलाह यूनिवर्सिटी में वार्ड बॉय के तौर पर काम करता था। आरोप है कि शोएब ने आतंकी उमर को सामान लाने और ले जाने में मदद की थी।

जांच एजेंसियों के अनुसार, शोएब ही वो इंसान है, जिसने नूंह में अपनी साली अफसाना के घर में उमर को किराए पर कमरा दिलाया था। दिल्ली ब्लास्ट से पहले 10 दिन तक उमर इसी घर में रहा था। 10 नवंबर को वो नूंह से ही दिल्ली के लिए रवाना हुआ था।

अब तक गिरफ्तार हुए 7 आरोपी

  1. डॉक्टर मुजमिल शकील गनई
  2. डॉक्टर अदील अहमद राथर
  3. डॉक्टर शाहीन सईद
  4. मुफ्ती इरफान अहमद वागय
  5. आमिर राशिद अली
  6. जसीर बिलाल वानी
  7. शोएब

अल-फलाह यूनिवर्सिटी लाए जाएंगे अदील और शाहीन

पकड़े गए आरोपी विशेष रूप से डॉक्टर्स है। इसके कारण इस हमले को 'व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल' के रूप में देखा जा रहा है। अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनसे पूछताछ जारी है। हाल ही में डॉक्टर मुजम्मिल की निशानदेही पर काफी सबूत इकट्ठे किए गए। 24 नवंबर को जांच एजेंसियां उसे फरीदाबाद लेकर पहुंची। यहां उसके कमरे के साथ ही, उसने कहां से खाद खरीदी और अमोनियम नाइट्रेट कहां और कैसे बनाया, इसके बारे में जानकारी ली।

इसके अलावा अल फलाह यूनिवर्सिटी में उसके मेडिकल केबिन, कमरे और सहयोगी छात्रों से संपर्क की भी छानबीन की गई। अब जांच एजेंसियां डॉक्टर अदील अहमद और डॉक्टर शाहीन सईद को अल-फलाह यूनिवर्सिटी लाएगी। पता चला है कि अदील और उमर के बीच कई सालों से दोस्ती थी। इसके कारण वो अकसर अल फलाह यूनिवर्सिटी आता था, जहां उसकी मुलाकात शाहीन से होती थी। इसलिए अब इन दोनों की निशानदेही पर सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं।

जांच एजेंसी डॉ. शाहीन को निशानदेही के लिए यूनिवर्सिटी लेकर आएगी। पुलिस के अनुसार, आतंक के इस नेटवर्क में शाहीन सईद को अहम जिम्मेदारी दी गई थी। वो यूनिवर्सिटी की करिकुलम कमेटी में तीसरे नंबर पर थी। शाहीन ही ब्रेन वॉश कर आतंक के इस नेटवर्क में लोगों को शामिल करती थी।

अब पुलिस उसे यूनिवर्सिटी लाकर बारीक से बारीक जानकारी हासिल करेगी। जांच एजेंसियां पता करना चाहती हैं कि वो यूनिवर्सिटी में किससे मिलती थी और कहां मीटिंग करती थी? मीटिंग में कौन-कौन शामिल होता था। शाहीन की गाड़ी में मिले हथियारों को यूनिवर्सिटी में किस तरीके से लाया गया? इन हथियारों को कहां छिपाकर रखा गया?

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