Delhi Blast: फोन ने उगले कितने राज- 200 बम, 26/11 जैसा हमला, 3 शहर... 26 जनवरी को थी लाल किला...?

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आतंकियों ने 26 जनवरी को लाल किला पर हमले की साजिश रची थी। 

Delhi Blast: दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया कि संदिग्ध डॉ. मुजम्मिल गनई ने अपने साथी के साथ मिलकर कई बार लाल किले की रेकी की थी। उसके मोबाइल डंप डेटा से यह जानकारी मिली।

Delhi Blast: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार, 10 नवंबर की शाम हुए बम धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस की जांच में सामने आया कि संदिग्ध डॉक्टर मुजम्मिल गनई ने इस साल जनवरी में कई बार लाल किला की रेकी की थी। मुजम्मिल उसी 'व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल' में शामिल है, जिसका हाल ही में पर्दाफाश किया गया है। इस मॉड्यूल में कई डॉक्टर शामिल पाए गए हैं।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को शक है कि इस साल 26 जनवरी को ऐतिहासिक लाल किले पर धमाके की साजिश रची गई थी। उस दौरान लाल किले के पास कड़ी गश्त के कारण इस साजिश को नाकाम कर दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि डॉ. मुजम्मिल गनई के मोबाइल से मिले डंप डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि आतंकी डॉक्टरों ने कई बार लाल किला क्षेत्र की टोह ली थी।

26/11 से बड़े हमले की थी तैयारी?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस आतंकी मॉड्यूल ने मुंबई के 26/11 जैसे बड़े हमलों को अंजाम देने का षड्यंत्र रचा था। जांच में सामने आया है कि आतंकियों ने 3 शहरों में टारगेट चुने थे। दिल्ली के साथ ही गुरुग्राम और फरीदाबाद को टारगेट बनाया जाना था। राजधानी के लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, गौरी शंकर मंदिर, प्रमुख रेलवे स्टेशन और बड़े शॉपिंग मॉल्स आतंकियों के निशाने पर थे। इस आतंकी मॉड्यूल का संबंध पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन से बताया जा रहा है।

इस आतंकी मॉड्यूल ने करीब 200 से ज्यादा आई़डी (बम) बनाने की योजना बनाई थी, जिन्हें एक साथ दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद में इस्तेमाल करने की तैयारी थी। जांच एजेंसियों का कहना है कि आतंकियों का मकसद धार्मिक स्थलों पर हमला करना था, जिससे देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना था। इसके लिए आतंकियों ने कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और अनंतनाग के कुछ डॉक्टरों को चुना, जिससे वे आसानी से कहीं भी आ जा सकें।

मुजम्मिल ने डॉ. उमर के साथ की थी रेकी

जानकारी के मुताबिक, संदिग्ध डॉक्टर मुजम्मिल ने अकेले लाल किला एरिया की रेकी नहीं की थी। उसके साथ डॉ, उमर मोहम्मद नबी भी शामिल था। वे दोनों साथ में लाल किले की सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ का पैटर्न समझने के लिए मुआयना करने गए थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टावर लोकेशन डेटा और आसपास के सीसीटीवी फुटेज से संदिग्धों की हरकतों का पुख्ता सबूत मिलता है। अब दिल्ली में धमाके के मामले की जांच तेज कर दी गई है। पुलिस मुजम्मिल के कॉल्स, चैट्स और डिजिटल ट्रेल्स खंगाल रही है, जिससे पता चल सके कि उन्हें फंडिंग कहां से मिल रही थी? विस्फोटक कहां से लाए गए? क्या अन्य संदिग्धों ने कोई मदद की?

10 नवंबर को हुआ था धमाका

10 नवंबर की शाम को लाल किले के पास एक कार में जोरदार धमाका हुआ, जिससे राजधानी दहल गई। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई। आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता चला कि विस्फोटकों से भरी हुंडई आई20 कार में धमाका हुआ। बताया जा रहा है कि उस कार को डॉ. उमर नबी चला रहा था। वह फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का सदस्य था, जो फरार चल रहा था। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि अपने साथियों की गिरफ्तारी से डॉ. उमर घबरा गया था और उसने जल्दबाजी में लाल किले के पास धमाका कर दिया।

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