Delhi Blast: अल फलाह यूनिवर्सिटी की विदेशी फंडिंग? क्या बोले कानूनी सलाहकार रज़ी अहमद?

अल फलाह यूनिवर्सिटी के कानूनी सलाहकार डॉ. रजी अहमद।
Delhi Blast: दिल्ली धमाके के तार अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ रहे हैं। इसकी वजह है इस यूनिवर्सिटी से पकड़ा गया डॉ. मुजम्मिल। इसके अलावा भी दिल्ली धमाके के कई संदिग्ध आरोपी ऐसे हैं, जो कहीं न कहीं से अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं। अब आतंकी मॉड्यूल और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के तार बारीकी से जोड़े जा रहे हैं। पुलिस और जांच एजेंसियां यूनिवर्सिटी की हर एक्टिविटी पर नजर रख रही हैं। इसी बीच सामने आया है कि अल फलाह को विदेशी फंडिंग मिल रही थी। अब इस बिंदु पर पुलिस जांच कर रही है।
'पुलिस दस्तावेज लेने आई थी, उन्हें दे दिए गए हैं'
हालांकि अल फलाह यूनिवर्सिटी विदेशी फंडिंग की बात से साफ इनकार कर रही है। अल फलाह विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार रज़ी अहमद ने इस बारे में बात की। उन्होंने फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल और लाल किले के पास हुए विस्फोट पर कहा, 'पुलिस द्वारा मांगे गए दस्तावेज़ ज़मीन और इमारतों से संबंधित थे। उन्हें उन अभिलेखों की हार्ड कॉपी चाहिए थी। उनके आने का उद्देश्य ये प्रतियां एकत्र करना था। पुलिस ने और कुछ नहीं मांगा। हमने उन्हें आश्वासन दिया कि हम उन्हें आवश्यक सभी दस्तावेज़ उपलब्ध कराते रहेंगे। यह आश्वासन हमारे कुलपति और रजिस्ट्रार पहले ही दे चुके थे। चूंकि वे जल्दी में थे, इसलिए उन्होंने दस्तावेज़ एकत्र किए और चले गए। लाल किले का विस्फोट एक दुखद घटना थी, और न्याय होना चाहिए।'
VIDEO | Delhi: Al Falah University legal advisor Razi Ahmed, speaking on the Faridabad terror module and the blast near Red Fort said, “The documents requested by the police were related to the land and buildings, and they needed hard copies of those records. The purpose of their… pic.twitter.com/6PDj3WtmPq
— Press Trust of India (@PTI_News) November 13, 2025
'सिर्फ फीस से होती है यूनिवर्सिटी की फंडिंग'
अल फलाह यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के लीगल एडवाइजर मो. रजी अहमद ने एक इंटरव्यू में कहा कि यूनिवर्सिटी की फंडिंग सिर्फ फीस से होती है। उन्हें बाहर से कोई फंडिंग रिसीव नहीं होती। उन्होंने कहा कि वे जांच एजेंसी के साथ इस मामले में पूरा सहयोग करेंगे। फरीदाबाद पुलिस द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज मुहैया करा दिए गए हैं।
'यूनिवर्सिटी को बहुत दुख है'
बता दें कि अल-फलाह-यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स का नाम टरर मॉड्यूल से जुड़ने और कारें मिलने पर भी यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के लीगल एडवाइजर ने बात की। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सटी को इसका बहुत दुख है। सभी सदमे में हैं। जो लोग इन चीजों में शामिल हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
