Delhi Assembly Session: विधानसभा का मानसून सत्र होगा पेपरलेस, विधायकों को मिलेगी ट्रेनिंग

दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र होगा पेपरलेस।
Delhi Assembly Monsoon Session: दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र अगले महीने यानी अगस्त के पहले हफ्ते में शुरू हो सकता है। यह मानसून सत्र पूरी तरह से पेपरलेस होगा। दिल्ली विधानसभा सदन में सभी काम डिजिटल तरीके से किए जाएंगे, जिसको लेकर सारी तैयारियों की जा रही हैं। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र एक हफ्ते तक चल सकता है। सत्र शुरू होने से पहले सभी विधायकों को डिजिटल ट्रेनिंग दी जाएगी।
यह ट्रेनिंग 21 जुलाई से शुरू होगी, जो कि 3 दिनों तक चलेगी। इसमें विधायकों को नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (NEVA) का इस्तेमाल करने की जानकारी दी जाएगी। इससे पूरे सत्र की कार्यवाही पेपरलेस तरीके से सुनिश्चित हो पाएगी। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता विधानसभा परिसर में NEVA ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन करेंगे।
23 जुलाई तक दी जाएगी ट्रेनिंग
अधिकारियों के मुताबिक, ट्रेनिंग प्रोग्राम 21 से 23 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्रालय के एक्सपर्ट ट्रेनर दिल्ली के सभी विधायकों को ट्रेनिंग देंगे। इसमें विधायकों को पेपरलेस और सही तरीके से काम करने के लिए तैयार किया जाएगा। इसको लेकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि डिजिटल बदलाव अब एक ऑप्शन नहीं, बल्कि लोगों के लिए आवश्यक कानून बनाने के लिए जरूरी है।
मानसून सत्र में पेश हो सकता है ये बिल
दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र में पक्ष-विपक्ष के बीच हंगामा होने के आसार हैं। इस सत्र में प्राइवेट स्कूलों की फीस को कंट्रोल करने वाला एक्ट एक बड़ा मुद्दा होगा। सीएम रेखा गुप्ता की सरकार एक बिल पेश करेगी, जिससे दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की फीस को कंट्रोल किया जा सके। बता दें कि इससे पहले दिल्ली सरकार के कैबिनेट ने 29 अप्रैल को एक अध्यादेश पास किया था।
इस बिल में मनमानी तरीके से फीस बढ़ाने वाले स्कूलों पर 1 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा स्कूल को 20 दिन के अंदर फीस वापस करनी होगी। इतना ही नहीं अगर कोई स्कूल बार-बार नियमों का उल्लंघन करता है, तो उससे फीस बढ़ाने का राइट भी खत्म कर दिया जाएगा।
किन मुद्दों पर सरकार को घेरेगी विपक्ष?
बताया जा रहा है कि इस सत्र में सरकार और विपक्ष यानी आम आदमी पार्टी के बीच जमकर हंगामा देखने को मिलेगा। AAP के विधायक बीजेपी सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेंगे। इनमें जलभराव, पानी की सप्लाई, यमुना प्रदूषण,और झुग्गी झोपड़ियों पर कार्रवाई से जुड़े मुद्दे शामिल हो सकते हैं।
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