Delhi Government: मानसून सत्र से पहले दिल्ली सरकार का नया आदेश, 28 तारीख तक देनी होगी मंथली रिपोर्ट

CM Rekha Gupta in Delhi Assembly
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दिल्ली विधानसभा में सीएम रेखा गुप्ता।

Delhi Government: दिल्ली में मानसून सत्र शुरू होने से पहले सीएम रेखा गुप्ता ने अपने मंत्रियों के लिए नया आदेश पारित कर दिया है। उन्होंने कहा है कि महीने की 28 तारीख तक सभी विभागों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचानी होगी।

Delhi Government: दिल्ली में 4 अगस्त से मानसून सत्र शुरू होने वाला है। ये मानसून सत्र 5 दिनों तक चलकर 8 अगस्त को खत्म होगा। जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार के इस सत्र की पूरी कार्यवाही पेपरलेस यानी डिजिटल मोड में होने वाली है। ये पूरा सत्र शिक्षा को समर्पित रह सकता है।

इस दौरान सरकार स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी को रोकने के लिए 'दिल्ली स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण और पारदर्शिता विधेयक 2025' लाने की तैयारी में है। हालांकि मानसून सत्र के शुरू होने से पहले ही दिल्ली सरकार की तरफ से नया आदेश पारित किया गया है। ये आदेश दिल्ली की प्रगति और विभागों के काम पर नजर रखने के लिए लाया गया है।

28 तारीख तक मंथली रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचाएंगे मंत्री

नए आदेश के अनुसार, दिल्ली सरकार के सभी विभागों को अब महीने की 28 तारीख तक मंथली रिपोर्ट दिल्ली सरकार को भेजनी होगी। इस आदेश से उनका साफ मैसेज है कि 'महीने के अंत में अपने काम का हिसाब दो।' अब दिल्ली सरकार के हर मंत्री को अपने विभाग की मंथली प्रगति रिपोर्ट 28 तारीख तक मुख्यमंत्री कार्यालय भेजनी होगी। इस रिपोर्ट में शुरू की गई योजनाओं की स्थिति, कार्यक्रमों की उपलब्धि और साथ ही कार्यान्वयन की गति का ब्यौरा देना होगा। इन रिपोर्ट्स के आधार पर विभागीय कामकाज का निष्पक्ष आकलन किया जा सकेगा।

नए विधेयक से होगा ये फायदा

जानकारी के अनुसार, 4 अगस्त को शुरू होने वाले मानसून सत्र में नया विधेयक 'दिल्ली स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण और पारदर्शिता विधेयक 2025' पेश किया जाएगा। इसके तहत स्कूलों के मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने पर लगाम लगाई जाएगी। इस विधेयक में नया नियम ये है कि अगर कोई स्कूल पहली बार नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर 1 से 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। दूसरी बार नियम तोड़ने पर 2 से 10 लाख का जुर्माना लगेगा।

वहीं अगर स्कूल अभिभावकों से ली गई अतिरिक्त फीस वापस नहीं करते हैं, तो 20 दिनों के बाद जुर्माने की राशि डबल हो जाएगी। हर 20 दिन की देरी पर ये लगातार बढ़ती जाएगी। सरकार का मानना है कि इस विधेयक के आने के बाद फीस को लेकर पारदर्शिता बढ़ेगी और अभिभावकों को राहत मिलेगी।

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