Artificial Rain: दिल्ली में प्रदूषण से मिलेगी राहत! कृत्रिम बारिश के लिए DGCA की मंजूरी, रखीं शर्तें

Delhi Artificial Rain
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दिल्ली में अक्टूबर-नवंबर में कराई जाएगी कृत्रिम बारिश।

Cloud Seeding: दिल्ली में प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए अक्टूबर-नवंबर महीने में कृत्रिम बारिश कराई जाएगी। इसके लिए डीजीसीए की ओर से भी मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन कुछ शर्तें रखी गई हैं। जानें क्या हैं शर्तें...

Delhi Artificial Rain: दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग कराने का फैसला लिया है। इसके लिए डीजीसीए यानी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की ओर से भी मंजूरी मिल गई है। डीजीसीए ने आईआईटी कानपुर को क्लाउड सीडिंग का ऑपरेशन करने के लिए अनुमति दी है। इस ऑपरेशन के लिए स्पेशल विमान का इस्तेमाल किया जाएगा। इस दौरान कई सुरक्षा मानकों को भी ध्यान में रखना होगा।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया 1 अक्टूबर और 30 नवंबर के बीच कराई जाएगी। इसी अवधि के लिए मंजूरी मिली है। उन्होंने बताया कि धुंध के समय में क्लाउड सीडिंग से दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से बड़ी राहत मिलेगी।

इन शर्तों का करना होगा पालन

डीजीसीए ने IIT कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग को सेसना 206-एच विमान का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है। बादलों में इसी विमान की मदद से केमिकल का छिड़काव किया जाएगा।

  • सभी उड़ानें डीजीसीए की निगरानी में होंगी। इसके साथ ही पायलट के पास लाइसेंस और मेडिकल फिटनेस होना चाहिए।
  • इस तरह के फ्लाइट ऑपरेशन का पायलट को अनुभव होना चाहिए।
  • उड़ान से पहले एयरपोर्ट डायरेक्टर और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर का क्लीयरेंस जरूरी है।
  • क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया के दौरान किसी तरह की फोटोग्राफी की इजाजत नहीं होगी।
  • ऑपरेशन शुरू करने से पहले संबंधित जिला प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी है।
  • प्रोहिबिटेड एरिया के ऊपर उड़ान नहीं भरी जाएगी।
  • अगर किसी तरह का नियम तोड़ा जाता है, तो डीजीसीए तत्काल प्रभाव से अनुमति रद्द कर सकता है।

क्लाउड सीडिंग के जरिए दिल्ली में कृत्रिम बारिश करवाई जाएगी। उम्मीद है कि इससे प्रदूषण से राहत मिलेगी। इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर को दी गई है, जो पहले भी इस तरह के प्रयोग कर चुका है। बता दें कि इससे पहले 4 से 11 जुलाई के बीच क्लाउड सीडिंग का ट्रायल करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन मानसून के समय मौसम ठीक न होने की वजह से इसे टाल दिया गया था।

क्या है क्लाउड सीडिंग?

क्लाउड सीडिंग एक ऐसी तकनीक है, जिसके जरिए कृत्रिम बारिश कराई जाती है। इसके लिए विमानों के जरिए बादलों में खास केमिकल का छिड़काव किया जाता है। इनमें सिल्वर आयोडाइड, पोटेशियम क्लोराइड जैसे केमिकल शामिल हैं। इससे बादल संघनित होकर बूंदों का रूप ले लेते हैं और बारिश होती है।

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