Delhi MCD: दिल्ली में क्षेत्रीय परेशानियां होंगी खत्म,निदान के लिए पार्षदों को 25 लाख रुपए का फंड आवंटित

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दिल्ली की क्षेत्रीय समस्याएं होंगी खत्म                    

Delhi MCD: दिल्ली नगर निगम के पार्षदों को 25 लाख रुपए का फंड आवंटित किया गया है। इस फंड से वो अपने इलाकों की समस्याओं का निपटारा करेंगे। ऐसे में उम्मीद है कि मानसून में जलभराव की समस्या से छुटकारा मिलेगा।

Delhi MCD News: मानसून के दौरान दिल्ली में नालियों और नालों का रखरखाव और साफ-सफाई के लिए दिल्ली नगर निगम ने पार्षदों को फंड जारी किया है। मानसून के दौरान निगम के पार्षद को 25 लाख रुपए तक के काम करवा सकेंगे। इसमें गाद उठाने, सफाई के लिए ट्रैक्टर ट्राली मंगवाने, खुले नाले-नालियों पर स्लैप डलवाने, गड्ढे भरने के लिए बिटुमिन आदि खरीदने जैसे काम शामिल हैं। सरकार के इस कदम से मानसून में जल भराव की समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है। पार्षदों को ये 26 लाख पार्षद निधि से आवंटित किये जा रहे हैं।

काफी समय से थी मांग

जानकारी के अनुसार, पार्षद बहुत समय से इलाके की छोटी-छोटी समस्याओं के निवारण के लिए पैसों की मांग कर रहे थे। हालांकि फंड आवंटित न होने के कारण पार्षदों को इलाकों के कामों के लिए अधिकारियों के मुंह ताकने पड़ रहे थे। ऐसे में अब पार्षद स्वयं के फंड से मानसून के दौरान जरूरी कामों को करा सकेंगे। वहीं अब अधिकारी इस फंड उपयोग इलाके में तभी कर पाएंगे जब क्षेत्रीय पार्षद इसकी सहमति देंगे। हालांकि पार्षदों को मिलने वाली इस राशि पर अब राजनीति शुरू हो गयी है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि ये धनराशि काफी कम है। इससे इलाके के गड्ढे भी नहीं भर पाएंगे।

'25 लाख रुपये से तो इलाके के गड्ढे भी नहीं भर पाएंगे'

बता दें कि नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने पार्षदों को 25 लाख रुपए का फंड जारी करने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि नगर निगम के बजट में एक करोड रुपए फंड पार्षद नीति के लिए मंजूर हुआ था और पार्षदों को केवल 25 लाख रुपये दिए जा रहे हैं। 25 लाख रुपये से तो इलाके के गड्ढे भी नहीं भर पाएंगे।

मनोनीत पार्षद भी कर रहे मांग

दिल्ली के पार्षदों को 25 लाख रुपए का फंड आवंटित होते ही नगर निगम में मनोनीत पार्षदों ने भी फंड के लिए मांग शुरू कर दी है। नगर निगम में मनोनीत पार्षद राजपाल राणा का कहना है कि मनोनीत पार्षदों को भी फंड आवंटित होना चाहिए। ताकि मनोनीत पार्षद जिस जोन और जिस वार्ड से प्रतिनिधित्व करते हैं, वहां काम कर सकें।

राजपाल राणा ने कहा कि इलाके में उनके पास भी लोग अपने आसपास की समस्याएं लेकर आते हैं। ऐसे में जिस तरह पार्षद काम करते हैं, वैसे ही मनोनीत पार्षद भी काम करते हैं। इसलिए निगमायुक्त को चाहिए कि मनोनीत पार्षदों के लिए भी क्षेत्रीय विकास निधि के फंड का प्रावधान बनाएं। बता दें कि इस समय दिल्ली नगर निगम में 10 मनोनीत पार्षद हैं।

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