Delhi Missing Case: दिल्ली में इस साल 8000 लोग गायब, कोई सुराग नहीं, देखें रिपोर्ट

8000 people missing in Delhi this year
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दिल्ली में इस साल 8000 लोग लापता।

Delhi Missing Case: दिल्ली में इस साल शुरुआती 7 महीनों के अंदर ही 8 हजार से ज्यादा लोग लापता हो चुके हैं, जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। पढ़ें ये रिपोर्ट...

Delhi Missing Case Report: देश की राजधानी दिल्ली की हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है। दिल्ली से इस साल जनवरी से लेकर अभी तक 7,880 लापता हो गए हैं, जिनका कोई सुराग नहीं मिला है। इनमें 3,133 पुरुष और 4,753 महिलाएं शामिल हैं। दिल्ली के बाहरी उत्तरी जिले से ऐसे मामले सबसे ज्यादा आए हैं। यह चौंकाने वाली रिपोर्ट जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क (ZIPNET) के आंकड़ों से सामने आई है। जिपनेट के आंकड़ों मुताबिक, बाहरी उत्तरी दिल्ली जिले में सबसे ज्यादा लापता होने के केस दर्ज किए हैं, जिनकी संख्या 908 है।

बता दें कि इस जिले में बवानी, समयपुर बादली और स्वरूप नगर जैसे इलाके आते हैं। वहीं, सबसे कम मामले नई दिल्ली जिले से आए हैं, जहां पर लापता लोगों की संख्या 85 है। नई दिल्ली जिले में तिलक मार्ग, चाणक्यपुरी और संसद मार्ग जैसे इलाके शामिल हैं।

कहां से आए कितने मामले?

दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिला इस मामले में दूसरे नंबर पर जहां पर लापता लोगों के 730 मामले दर्ज हैं, जिनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इसके अलावा दक्षिण-पश्चिम जिले में 717, दक्षिण-पूर्व जिले में 689, बाहरी जिले में 675, द्वारका में 644, उत्तर-पश्चिम जिले में 636, पूर्वी-जिले में 577 और रोहिणी जिले में लापता लोगों के 452 मामले दर्ज हुए हैं। इसके अलावा मध्य जिले में 363 लोगों का कोई भी सुराग नहीं मिला है। वहीं, उत्तर जिले में 348, दक्षिण जिले में 215 और शाहदरा जिले 201 लोग अभी भी गुमशुदा हैं।

करीब 1,500 शव भी मिले

ZIPNET के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 1 जनवरी से 23 जुलाई के बीच 1,486 अज्ञात शव पाए गए हैं, जिनमें ज्यादातर पुरुषों थे। इनमें से सबसे ज्यादा 352 शव उत्तरी जिले में पाए गए हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाई। बता दें कि इस जिले में कोतवाली, सब्जी मंडी और सिविल लाइंस जैसे इलाके आते हैं।

इसके अलावा प्रकार मध्य जिले में 113, उत्तर-पश्चिम में 93, दक्षिण-पूर्व में 83, दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पूर्व दोनों जिलों में 73-73, बाहरी में 65, पूर्व और नई दिल्ली जिले में 55, पश्चिम और बाहरी उत्तर दोनों जिलों में में 54-54, रोहिणी में 44, दक्षिण में 26 , शाहदरा में 42, द्वारका में 35 और रेलवे में 23 शव पाए गए हैं। इन शवों की पहचान नहीं हो पाई है।

क्या है ZIPNET?

बता दें कि जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क यानी ZIPNET एक केंद्रीकृत डेटाबेस है। इसका इस्तेमाल कानून प्रवर्तन एजेंसियां करती हैं, जिससे लापता व्यक्तियों और अज्ञात शवों का पता लगाया जाता है। जिपनेट का डेटाबेस में कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का डेटा इकट्ठा है।

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