Cyber Crime: बुजुर्ग को 6 दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, 1 करोड़ से ज्यादा की ठगी

Ghaziabad Cyber Crime
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विदेश में नौकरी के नाम पर स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी से 4.6 लाख ठगे। 

Cyber Crime: दिल्ली के हरि नगर इलाके में बुजुर्ग दंपति से साइबर ठगी की गई। आरोपियों ने उनके जीवन भर की कमाई हड़प ली। ठगों ने बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर 1 करोड़ 16 लाख रुपये की ठगी की।

Cyber Crime: देश में डिजिटल अरेस्ट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। साइबर ठग भोले-भाले लोगों का अकाउंट खाली कर उनकी जीवन भर की पूंजी ठग लेते हैं। जानकारी के अनुसार, एक बुजुर्ग दंपत्ति को साइबर ठगों ने शिकार बना लिया। उन्होंने खुद बैंक अकाउंट में मौजूद 1 करोड़ 16 लाख रुपये साइबर अपराधियों को दे दिए।

दिल्ली पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि साइबर ठगों ने हरि नगर इलाके में एक बुजुर्ग दंपत्ति को 6 दिन तक डिजिटल बंधक बनाकर रखा। इस बीच उनके जीवन भर की जमा पूंजी 1 करोड़ 16 लाख ट्रांसफर करा लिए।

जानकारी के अनुसार, 4 अगस्त की दोपहर लगभग 2:36 बजे हरि नगर निवासी बुजुर्ग दंपत्ति के मोबाइल फोन पर कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का कर्मचारी रोहन शर्मा बताया। उसने बुजुर्ग का नाम लेकर पूछा कि क्या वो मुंबई में रहते हैं? इस पर बुजुर्ग ने मना कर दिया और पत्नी को फोन पकड़ा दिया, क्योंकि बुजुर्ग बीमार रहते थे।

आरोपी ने महिला से परिचय लेकर बताया कि उसके पति के नाम पर 17 जून को मुंबई में एक सिम कार्ड जारी हुआ है। इसका इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों में किया गया है। आरोपी ने जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग केस का हवाला दिया। उसने कहा कि नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी और सीबीआई ने सैकड़ों सिम बरामद किए, जिनमें से एक उनके पति के नाम पर है। जांच एजेंसी उन्हें गिरफ्तार करेगी। इसके बाद आरोपी ने बुजुर्ग के नाम पर दर्ज एफआईआर की कॉपी भेजी।

महिला ने बताया कि उसके पति के नाम पर कोई सिम कार्ड नहीं लिया गया है। वे सेंट्रल गवर्नमेंट से रिटायर हैं और घर पर ही रहते हैं। इस पर ठग ने जवाब दिया कि वो जानता है कि बुजुर्ग निर्दोष हैं, लेकिन उन्हें कार्रवाई में सहयोग करना होगा। इसके बाद उसने महिला के सामने डरावने हालात बनाए। ठग ने कहा कि मुंबई साइबर क्राइम में भी बुजुर्ग के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। इसके बाद फोन कॉल को वीडियो कॉल पर ट्रांसफर कर दिया गया। वीडियो कॉल में क्राइम ब्रांच थाने जैसा माहौल दिखाया गया और कई लोग पुलिस यूनिफॉर्म में नजर आए।

मीडियो कॉल में एक युवक था, जिसने खुद को आईपीएस विजय खन्ना बताया। उसने कहा कि महिला को मुंबई आना पड़ेगा। महिला ने कहा कि वो ऐसा नहीं कर सकती, तो उसने कहा कि महिला का ऑनलाइन बयान रिकॉर्ड किया जाएगा। इसके लिए उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जाएगा। इसके तहत उन्हें वीडियो कॉल को हमेशा ऑन रखना होगा। 4 अगस्त को बुजुर्ग दंपति डिजिटल अरेस्ट रहे। 5 अगस्त को 'वर्चुअल कोर्ट' लगाया गया। इसके बाद उन्होंने कहा कि उनके खाते में मौजूद सारी रकम आरबीआई के खाते में ट्रांसफर करनी होगी। निर्दोष साबित होने पर रकम वापस दे दी जाएगी।

इसके बाद ठगों ने दंपति को दूसरे व्यक्ति के साथ वीडियो कॉल पर जोड़ा। अगले 6 दिन तक बुजुर्ग मोबाइल ऑन रखकर डिजिटल अरेस्ट रहे। इस दौरान वे बार-बार अपना पैसा आरटीजीएस करते रहे। उन्होंने 1 करोड़ 16 लाख रुपये ठगों को दे दिए। इसके बाद दोनों को होश आया कि उन्होंने कितनी रकम ट्रांसफर कर दी है। इसके बाद एक रिश्तेदार ने इतनी रकम शेयर होते देख पूछताछ की, तो नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल, 1930 हेल्पलाइन और हरि नगर थाने में शिकायत दी गई।

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