Women Police Stations: दिल्ली में बढ़ेगी महिला सुरक्षा, खुल सकते हैं 15 महिला पुलिस थाने

महिला पुलिस थाना।
Women Police Stations: दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को देखते हुए अब हर जिले में महिला थाना खोलने पर विचार किया जा रहा है। इस योजना को लेकर पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा ने सभी जिलों से रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट आने के बाद मंत्रालय को इसके लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद 15 महिला थाने बन सकेंगे। इन महिला थानों की बागडोर भी महिला इंस्पेक्टर ही संभालेंगी।
हालांकि वर्तमान समय में क्राइम अगेंस्ट विमिन सेल (CAW Cell) चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा नानकपुरा में स्पेशल पुलिस यूनिट फॉर विमिन और चिल्ड्रेन्स सेल भी हैं। इन दोनों जगहों पर लोकल थानों से शिकायतें रेफर की जाती हैं। इन जगहों पर महिलाओं और उनके ससुरालवालों की काउंसलिंग की जाती है। लंबे समय तक काउंसलिंग चलाई जाती है, जिसमें दोनों पक्षों से बातचीत कर समझौते की कोशिश की जाती है। समझौते नहीं होने पर लोकल थानों को मुकदमे दर्ज करने की रिपोर्ट भेजी जाती है। इन दोनों जगहों पर अधिकतर मामले दहेज उत्पीड़न, घरेलू क्लेश और हैरेसमेंट के होते हैं।
जानकारी के अनुसार, पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा ने सभी डीसीपी से फीडबैक मांगा है कि उनके जिले में महिला थाना किस जगह पर बनाया जा सकता है। साथ ही ये भी बताना होगा कि इसके लिए कितनी पुलिस फोर्स चाहिए। पुलिस अफसरों का कहना है कि हर थाने में महिला हेल्प डेस्क होती है, जहां पीड़ित महिलाएं सीधे जाकर शिकायत दर्ज करा सकती हैं। हालांकि ऐसी जगहों पर कुछ सीमाएं हैं, जहां महिला पुलिसकर्मियों का 24 घंटे वहां बैठ पाना संभव नहीं हो पाता है।
वहीं महिलाएं पुरुष पुलिसकर्मियों से बातचीत करने में संकोच महसूस करती हैं, जिसके कारण खुलकर बात नहीं कर पातीं। ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनकी मदद करने के लिए महिला थाना खोलने की पहल की गई है। महिला थाने बनने पर ज्यादातर स्टाफ में महिलाएं ही होंगी। स्पेशलाइज्ड थाना होने से शिकायतों को तुरंत निपटाने में भी आसानी होगी।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसे देखते हुए हर जिले में एक साइबर पुलिस थाना खोले गए थे।
