Congress Udit Raj: 'जबरन खाली कराया मेरा बंगला...', उदित राज का दावा, अधिकारियों पर लगाए ये आरोप

Congress Leader Udit Raj House Controversy
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कांग्रेस नेता उदित राज का घर खाली कराया गया।

Congress Udit Raj: कांग्रेस नेता उदित राज ने आरोप लगाया है कि उनके बंगले को जबरन खाली कराया गया है। इसके लिए उन्हें कोई नोटिस भी नहीं दिया गया था।

Congress Udit Raj: कांग्रेस नेता उदित राज ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार को उनके दिल्ली स्थित पंडारा पार्क वाले बंगले को प्रशासन ने जबरन खाली करवा दिया। उनका दावा है कि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया, केवल मौखिक रूप से बताया गया था। उन्होंने कहा कि मामला अभी कोर्ट में है और अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होनी है। ऐसे में बंगला खाली कराने की जल्दी क्यों थी?

कांग्रेस नेता उदित राज ने शनिवार को मीडिया को बताया, 'परसों मुझे मौखिक रूप से बताया गया था। हालांकि संबंधित अधिकारियों की तरफ से कोई नोटिस नहीं दिया गया। शुक्रवार को अचानक 15-20 लोग पुलिसबल के साथ आए और हमारा सामान बाहर पेंकना शुरू कर दिया। अब देखेंगे कि आज हम कहां रहेंगे?'

बता दें कि कांग्रेस नेता उदित राज ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने दिल्ली के पंडारा पार्क स्थित उनके बंगले से उनके परिवार को जबरन बेदखल कर दिया। हालांकि अभी इसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। सरकार की तरफ से इस बेदखली को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

जानकारी के अनुसार, ये बंगला उदित राज की पत्नी सीमा राज को आवंटित था। सीमा राज एक सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि इस बंगले की लाइसेंस फीस 31 मई तक जमा कर दी गई थी।

न्यूज एजेंसी से बात करते हुए उदित राज ने कहा, 'हमारे घर का सामान बाहर फेंका जा रहा है। मामला अभी अदालत में विचाराधीन है। अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होनी है। इससे पहले ही मेरा सामान घर से बाहर फेंक दिया गया। 3-4 दिन इंतजार करने में क्या ही नुकसान था? 28 अक्टूबर को कोर्ट का जो आदेश आएगा, मैं उसका सम्मान करूंगा।'

उन्होंने कहा कि दलित और गरीबों की आवाज उठाने के लिए उन्हें ये सजा दी गई है। उदित राज ने आरोप लगाया कि ये कार्रवाई चुनिंदा और पूर्वाग्रह से भरी है। निचली जाति के विपक्षी नेता को निशाना बनाया गया है, जबकि कई ऊंची जाति के लोग अब भी सरकार बंगले पर कब्जा करके बैठे हैं। उदित ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। कोई भी वरिष्ठ अधिकारी फोन पर मौजूद नहीं हैं। उन्होंने इस कार्रवाई को अत्याचार करार देते हुए कहा कि वे इस मामले को अपनी पार्टी के नेतृत्व के पास उठाएंगे।

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