Delhi Blast: दिल्ली धमाके को लेकर पवन खेड़ा का बयान, किसे ठहराया जिम्मेदार?

दिल्ली धमाका मामले में पवन खेड़ा का बयान।
Delhi Blast: दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले पर हुए धमाकों में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले को पहले दिल्ली धमाका कहा जा रहा था। हालांकि 48 घंटे के बाद दिल्ली पुलिस की तरफ से जानकारी दी गई कि ये एक बम धमाका था। इसको लेकर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सरकार पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने दिल्ली विस्फोट को आतंकी हमला कहने में 48 घंटे लगा दिए। उन्होंने मांग की कि केंद्रीय सरकार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक करनी चाहिए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बोले पवन खेड़ा?
दिल्ली आतंकी घटना पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, 'कांग्रेस पार्टी की तरफ से सरकार से प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में तत्काल एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह करती है। उनकी प्राथमिकता भूटान हो सकती है, लेकिन यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।"
VIDEO | Delhi: During a press conference on blast near Red Fort, Congress leader Pawan Khera (@Pawankhera) says, “On November 10, there was a blast very close to where we are sitting now, in the heart of the national capital near the PM’s residence, Parliament, and Rashtrapati… pic.twitter.com/qmAtYr3wWA
— Press Trust of India (@PTI_News) November 13, 2025
लाल किले के पास हुए विस्फोट पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, '10 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी के केंद्र दिल्ली में, प्रधानमंत्री आवास, संसद और राष्ट्रपति भवन के पास, लाल किले के पास, एक विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य घायल हुए हैं। हमारी प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। मैं इसे 'विस्फोट' कह रहा हूं क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे 'आतंकवादी घटना' कहने में 48 घंटे लगा दिए। अब 2,900 किलोग्राम विस्फोटक दिल्ली से सिर्फ़ 20 किलोमीटर दूर, लाल किले के बाहर, एक कार में पहुंच गया। इसमें विस्फोट हुआ और कई लोग मारे गए और घायल हुए। राजधानी शहर की सुरक्षा के लिए किसे ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है?'
'सरकार को जवाबदेह होना चाहिए'
उन्होंने कहा कि सरकार को जवाबदेह होना चाहिए और देशवासियों को इसकी जानकारी देनी चाहिए। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की ताकि सभी दलों के साथ इस मामले पर चर्चा कर सकें। उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की। इससे संसद के माध्यम से जनता को भरोसा दिलाया जा सके। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देश को वर्तमान में विश्वास बहाल करने की सख्त जरूरत है।
