Annual Legal Conclave: कार्यकर्ताओं ने लगाए नारे, तो राहुल गांधी बोले, 'मैं राजा नहीं हूं, और बनना भी नहीं चाहता'

Rahul Gandhi In Congress Annual Legal Conclave
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कांग्रेस के राष्ट्रीय कानूनी सम्मेलन में राहुल गांधी।

Congress Annual Legal Conclave: दिल्ली में कांग्रेस की एनुअल लीगल कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि वह राजा के कॉन्सेप्ट के खिलाफ हैं।

Congress Annual Legal Conclave: नई दिल्ली के विज्ञान भवन में कांग्रेस की ओर से 'एनुअल लीगल कॉन्क्लेव' का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के समर्थन में 'देश का राजा कैसा हो, राहुल गांधी जैसा हो; के नारे लगे। इस पर राहुल गांधी ने कहा, 'नहीं...नहीं... मैं राजा नहीं हूं। राजा बनना भी नहीं चाहता हूं। मैं राजा के कॉन्सेप्ट के खिलाफ हूं।' राहुल गांधी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में वे चुनाव प्रणाली के बारे में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, 'मुझे हमेशा से संदेह था कि 2014 से ही कुछ गड़बड़ है। मुझे गुजरात विधानसभा चुनावों में पहले से ही संदेह था।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात में एक भी सीट नहीं मिलती, यह उनके लिए आश्चर्यजनक था। राहुल गांधी ने कहा, 'जब भी हम बोलते थे, लोग कहते थे, सबूत कहां है? फिर, महाराष्ट्र में कुछ हुआ। लोकसभा में, हम चुनाव जीत गए। फिर 4 महीने बाद, हम न केवल हारे, बल्कि हमारा सफाया हो गया।'

'महाराष्ट्र में 1 करोड़ नए मतदाता मिले'

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनावी की बात करते हुए कहा कि अचानक तीन दल गायब हो गए, जिसके बाद कांग्रेस ने गंभीरता से तलाश शुरू की। इस दौरान पता चला कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा के बीच 1 करोड़ नए वोटर सामने आए। राहुल गांधी का कहना है कि इसमें से ज्यादातर वोट बीजेपी को मिले। उन्होंने कहा कि उनके पास सबूत हैं। उन्होंने कहा कि जब यह डेटा जारी किया जाएगा, तो जनता देखेगी कि चुनावी सिस्टम में कितना बड़ा झटका लगेगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह एक परमाणु बम की तरह है, क्योंकि सच्चाई यह है कि देश में चुनाव सिस्टम पहले ही खत्म हो चुकी है।

'चुनाव आयोग जैसी संस्था का अस्तित्व नहीं'

वार्षिक लीगल कॉन्क्वलेव में राहुल गांधी ने कहा कि उनके पास ऐसे सबूत हैं, जिससे पूरे देश को पता चलेगा कि चुनाव आयोग जैसी संस्था का अस्तित्व ही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सबूत को खोजने में लगातार 6 महीने का काम लगा है। उन्होंने दावा किया कि जनता बिना किसी संदेह के देख सकेगी, कि कैसे एक लोकसभा चुनाव चुराया जाता है। जब 6.5 लाख मतदाता वोट देते हैं, तो उनमें 1.5 लाख वोटर फर्जी होते हैं।

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