CM Rekha Gupta: प्रदूषण पर सीएम रेखा की प्रतिक्रिया, बोलीं- 'दिल्ली की समस्याएं हमें दहेज में मिलीं'

दिल्ली प्रदूषण के लिए CM रेखा गुप्ता ने APP पर साधा निशाना।
CM Rekha Gupta: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर हाल ही में नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। वहीं इस दौरान सीएम रेखा गुप्ता ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लिए वायु प्रदूषण एक बहुत बड़ा मुद्दा है। सीएम रेखा ने कहा, 'दिल्ली की कई पुरानी समस्याएं हमें दहेज में मिली हैं। चाहे वो कूड़े के पहाड़ हों, टूटी हुई सड़कें हों या फिर प्रदूषण की स्थिति हो। 11 साल वाली सरकार आई और चली गई। 15 साल वाली सरकार भी आई-गई, लेकिन समस्याएं वहीं की वहीं रहीं।
सीएम रेखा ने कहा कि जरा याद कीजिए कि पिछली सरकारों ने प्रदूषण के लिए क्या किया था? उन्होंने सिर्फ ऑड-ईवन शुरू किया था लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की रणनीति थी कि लोगों को इतनी परेशानी में डाल दो कि वो असल समस्या पर सवाल ही ने उठा सकें।
सीएम रेखा गुप्ता ने ऑड-ईवन पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों को याद है कि ऑड,ईवन के दौरान कितनी दिक्कत होती थी? वो काम पर कैसे जाएं और क्या करें? क्या जनता को तकलीफ में डालकर आपातकाल जैसे हालात बनाकर समस्या का समाधान होता है? सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि उस सरकार के दौरान जब भी दिल्ली में बारिश आती थी, हर अखबार और मीडिया में वॉटर लॉगिंग की खबरें छपी रहती थीं। उस दौरान मिंटो ब्रिज पर पानी भरना हर साल की कहानी थी। लेकिन इस बार मिंटो ब्रिज और आईटीओ में पानी नहीं भरा।
रेखा गुप्ता ने कहा कि फरवरी में दिल्ली में बीजेपी सरकार बनी। सरकार बनते ही गर्मी से बचाव की तैयारियां शुरू की गईं। हीटवेव से लेकर पानी की कमी, जलभराव तक की समस्याओं पर काम किया गया। ये 40 साल पुरानी लेगेसी प्रॉब्लम थी, जिसे सुधारने के लिए किसी ने काम तक नहीं किया। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार एक मां की तरह होती है। उसे हर नागरिक का ख्याल रखना होता है। हम इसी भावना को लेकर दिल्ली को बेहतर, साफ और सुरक्षित बनाने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'दिल्ली में क्लाउड सीडिंग की कोशिश की गई, लेकिन वो असफल रही। वैज्ञानिकों ने दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग की सलाह दी थी। इसके कारण हमने कोशिश की। लेकिन विपक्ष के पास कोई काम नहीं है। उनके पास आरोप लगाने के अलावा कोई काम नहीं हैं।'
